Indore News In Hindi : The city got better in lockdown, the air was as pure as Rishikesh, Kanh water was able to be used | लॉकडाउन में बेहतर हुई शहर की आबोहवा, हवा उतनी शुद्ध जितनी ऋषिकेश की, कान्ह का पानी हुआ इस्तेमाल के काबिल

Indore News In Hindi : The city got better in lockdown, the air was as pure as Rishikesh, Kanh water was able to be used | लॉकडाउन में बेहतर हुई शहर की आबोहवा, हवा उतनी शुद्ध जितनी ऋषिकेश की, कान्ह का पानी हुआ इस्तेमाल के काबिल


दैनिक भास्कर

Jun 05, 2020, 04:51 AM IST

इंदौर. ‘204 बरस है मेरी उम्र… दो सदियां बिताई हैं मैंने यहां… इस शहर को बढ़ते देखा है। मैं भी बाकी दरख़्तों की तरह आम था पर आज़ादी की जंग के दौरान सआदत खां की शहादत ने मुझे अलग पहचान दी। उस जांबाज़ ने मेरे ही दामन में अंतिम सांस ली थी। मेरी छांह में स्वराज आंदोलन की योजनाएं बनीं। मैंने देखा है कान्ह और सरस्वती नदी को निर्बाध बहते हुए। इस शहर को बैलगाड़ी और तांगों के बाद मोटरगाड़ियों और फैक्ट्रियों तक पहुंचते देखा है मैंने। मैं युवा था उस दौर में जब जीपीओ से महारानी रोड तक राहगीरों के सर पर धूप नहीं लग पाती थी।

इतने पेड़ थे सड़क किनारे। साथ ही उस दौर का साक्षी भी रहा हूं जब सड़कें चौड़ी करने, मकान बनाने के लिए, उद्योग स्थापित करने के लिए हरियाली छांट दी गई। कुछ बरस तो असर नहीं पड़ा, पर फिर आबोहवा ज़हरीली होने लगी। 2014 में सर्वाधिक था प्रदूषण। मेरे सहित सभी दरख़्त इस ज़हर को निगलते गए। मेरे कुछ भाई इसकी बलि भी चढ़ गए, लेकिन बीते 70 दिन कुछ अलग  बीते। न धुआं, न पत्थरबाज़ी, न ही शोर शराबा। जैसे दो सदियों में पहली बार छुटि्टयां मिलीं मुझे। शहर कुछ पहले जैसा दिख रहा है। परिंदे खुल कर सांस ले रहे हैं। यूं तो बड़ी कोशिशें की गईं शहर को इस ज़हरीले धुएं से बचाने के लिए, लेकिन कुछ न करने असर सबसे ज्यादा हुआ। आज मैं वही सुकून महसूस कर रहा हूं जो उस दौर में थी जब शहर में बैलगाड़ियां चला करती थीं।’ 

कान्ह का पानी नहाने काबिल व नर्मदा का जल ए-कैटेगरी हुआ 

 कान्ह के पानी की क्वालिटी में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है। पॉल्यूशन बोर्ड के मुताबिक राघव पिपलिया में कान्ह का पानी बी कैटेगरी में आ गया है जो नहाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका पीएच 7.63 व ऑक्सीजन 1.8 मापी गई है जो दो माह पहले से 43 फीसदी बेहतर है।  
 नर्मदा का पानी ए कैटगरी में आ गया है। हालांकि लोग इसे पहले भी पीते थे लेकिन अब टीडीएस, बीओडी, सीओडी और कोलिफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा में कमी आई है। सॉल्यूबल ऑक्सीजन बढ़ी है। बोर्ड के वाटर क्वालिटी क्राइटेरिया के अनुसार नर्मदा का जल 2020 में पूरे साल ए-कैटेगरी में रहने वाला है।



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