इंदौरः Corona के 10 मरीजों के लिए 100 डॉक्टर, कोरोना हॉस्पिटल के ग्रीन होने का इंतजार | 100-doctors-for-10-covid-19-patients-when-indore-esic-hospital-will-green-from-yellow-category | indore – News in Hindi

इंदौरः Corona के 10 मरीजों के लिए 100 डॉक्टर, कोरोना हॉस्पिटल के ग्रीन होने का इंतजार | 100-doctors-for-10-covid-19-patients-when-indore-esic-hospital-will-green-from-yellow-category | indore – News in Hindi


इंदौर के बीमा अस्पताल के येलो से ग्रीन कैटेगरी में जाने का हो रहा है इंतजार.

COVID-19 के मरीजों की संख्या कम होने के बाद बीमा अस्पताल आने वाले सामान्य मरीजों का कहना है कि अब इसे ग्रीन कैटेगरी में वापस लाया जाना चाहिए, ताकि आम लोगों को अस्पताल की सुविधाएं मिल सके.

इंदौर. मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित इंदौर (Indore) शहर अब धीरे-धीरे इससे मुक्त होने लगा है. शहर के अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या में भी कमी आने लगी है. शहर के जिन अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए येलो-हॉस्पिटल का दर्ज दिया गया था, वहां से भी मरीजों के कम होने की रिपोर्ट आ रही है. कोरोना की वजह से इन अस्पतालों में पिछले 2 महीनों से सामान्य मरीजों की आवाजाही बंद थी. लेकिन अब जब कि कोरोना मरीज (Corona patients) कम हो रहे हैं, तो ऐसे अस्पतालों को येलो से ग्रीन कैटेगरी में लाने की मांग उठने लगी है. इंदौर के नंदानगर स्थित बीमा अस्पताल का भी यही हाल है. यहां अब कोरोना के सिर्फ 10 मरीज बचे हैं, जबकि उनके इलाज के लिए करीब 100 डॉक्टर और अस्पताल का भारी-भरकम स्टाफ लगा रहता है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बीमा अस्पताल को 9 अप्रैल येलो कैटेगरी में लाने से पहले यहां की ओपीडी में रोजाना करीब 1200 मरीज आते थे. लेकिन पिछले लगभग 2 महीने से ऐसे मरीजों के आने पर रोक थी. अब जबकि अस्पताल में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या महज 10 रह गई है, तो बीमा अस्पताल को ग्रीन कैटेगरी में लाने की मांग उठने लगी है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस अस्पताल में कोरोना के 10 मरीजों की देखरेख के लिए 100 डॉक्टरों सहित कुल 600 से ज्यादा स्टाफ हैं. अस्पताल के रोज का खर्च करीब 2 करोड़ रुपए है. ऐसे में बीमा अस्पताल आने वाले सामान्य मरीजों का कहना है कि अब इसे ग्रीन कैटेगरी में वापस लाया जाना चाहिए, ताकि आम लोगों को अस्पताल की सुविधाएं मिल सके. इस अस्पताल में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) से जुड़े लोग अधिक आते हैं. मगर कोरोना हॉस्पिटल बनाए जाने से ऐसे मरीजों के आना बंद है. ऐसे में जबकि कोरोना के मरीज कम होने लगे हैं, तो लोग इस अस्पताल को जल्द से जल्द येलो से ग्रीन कैटेगरी में बदलने की मांग कर रहे हैं.

नंदानगर स्थित बीमा अस्पताल के कोरोना वार्ड के नोडल अधिकारी सुब्रा मुखर्जी ने बीते दिनों मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि यहां पर अब कोरोना के 10 मरीज ही बचे हैं. इसलिए अस्पताल को ग्रीन कैटेगरी में लाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस बाबत अभी तक शासन से लिखित में आदेश नहीं मिला है. वहीं अस्पताल के सुप्रिंटेंडेंट सुचित्रा बोस ने कहा कि येलो कैटेगरी में आने के बाद अस्पताल का नियंत्रण प्रशासन के हाथ में चला गया है. इसके बाद यहां के डॉक्टर और अन्य स्टाफ प्रशासन के दिशा-निर्देश के मुताबिक कोरोना मरीजों के इलाज में सहयोग कर रहे हैं. बोस ने कहा कि 15 जून तक बीमा अस्पताल को ग्रीन कैटेगरी में वापस ले आया जाएगा.

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First published: June 5, 2020, 9:06 AM IST





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