Divyang Students will be able to use Scribe in open book exam, Delhi University gave instructions to college and department | ओपन बुक एग्जाम में स्क्राइब का इस्तेमाल कर सकेंगे दिव्यांग स्टूडेंट्स, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कॉलेज और विभाग को दिए निर्देश

Divyang Students will be able to use Scribe in open book exam, Delhi University gave instructions to college and department | ओपन बुक एग्जाम में स्क्राइब का इस्तेमाल कर सकेंगे दिव्यांग स्टूडेंट्स, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कॉलेज और विभाग को दिए निर्देश


  • स्टूडेंट्स के लिए लिपिक की व्यवस्था करने के लिए कॉलेज और विभागों मदद करना होगी
  • इंटरनेट या नेटवर्किंग की दिक्कत है तो सरकारी कॉमन सर्विस सेंटर पर परीक्षा दे सकते हैं स्टूडेंट्स

दैनिक भास्कर

Jun 06, 2020, 01:39 PM IST

दिल्ली यूनिवर्सिटी में यूजी-पीजी आखिरी साल के दिव्यांग स्टूडेंट्स को ओपन बुक एग्जाम (OBE) में लिपिक (स्क्राइब) का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। स्टूडेंट्स के लिए लिपिक की व्यवस्था करने के लिए कॉलेज और विभागों मदद करना होगी। इसके लिए स्टूडेंट्स को कॉलेज और विभाग के जरिए अनुरोध भेजना होगा। दरअसल, कोरोना महामारी के बीच स्टूडेंट्स को अपने लिए लिपिक की व्यवस्था करना बड़ी चुनौती होगी। ऐसे में डीयू ने स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए यह फैसला किया है।

OBE फॉरमेट में होगी ऑनलाइन परीक्षा 

कोरोना महामारी के कारण बने हालातों के मद्देनजर डीयू इस बार आखिरी साल के सभी अंडर ग्रेजुएट (यूजी) और पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) स्टूडेंट्स के लिए एक जुलाई से OBE फॉरमेट में ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने जा रहा है। इस बारे में डीन विनय गुप्ता ने कहा कि दिव्यांग छात्रों के लिए गाइडलाइंस जारी की गई हैं। जारी निर्देश के मुताबिक उनके लिए परीक्षा की समयावधि पांच घंटे के साथ लिपिक की व्यवस्था करने को भी कहा गया है। स्टूडेंट्स लिपिक को अपने साथ कॉमन सर्विस सेंटर पर भी परीक्षा के लिए ले जा सकेंगे।   

सरकारी कॉमन सर्विस सेंटर पर परीक्षा दे सकेंगे छात्र

साथ ही जिन स्टूडेंट्स के पास इंटरनेट की व्यवस्था नहीं है या नेटवर्किंग की दिक्कत है, वह सरकारी कॉमन सर्विस सेंटर जाकर परीक्षा दे सकते हैं। लेकिन यह सुविधा सिर्फ उन्हीं छात्रों के लिए संभव होगी जो कि दिल्ली में होंगे। कॉलेज प्रिंसिपलों का कहना है कि दिल्ली में मौजूद स्टूडेंट्स की तो मदद की जा सकती है, लेकिन बाहरी राज्यों में अपने घरों को जा चुके छात्रों की मदद कर पाना मुश्किल होगा। ऐसे में उन्हें स्क्राइब की व्यवस्था खुद ही करनी होगी। इसके अलावा उन दृष्टि बाधित छात्रों को भी दिक्कत होगी जो छोटे शहरों या गांवों में है।



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