नई दिल्ली: पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) को दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में गिना जाता है. रिटायरमेंट से पहले सहवाग की धुंआधार बल्लेबाजी के लाखों दीवाने थे, वहीं दूसरी ओर दुनिया के सभी बड़े गेंदबाज उनसे खौफ खाते थे. क्रिकेट के कई दिग्गज सहवाग की बल्लेबाजी के प्रशंसक हैं और अब इस लिस्ट में एक और नाम शामिल हो गया है, यह नाम है सहवाग के पूर्व टीममेट वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) का. दरअसल, हाल ही में लक्ष्मण ने सोशल मीडिया पर एक मुहीम की शुरूआत की है जिसके तहत वो अपने पुराने साथी खिलाड़ियों को ट्रिब्यूट दे रहे हैं. सहवाग से पहले लक्ष्मण, सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) और अनिल कुंबले (Anil Kumble) की भी जमकर तारीफ कर चुके हैं.
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लक्ष्मण ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर सहवाग की एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘उच्च गुणवत्ता वाली तेज गेंदबाजी के खिलाफ उनकी वंशावली पर सवाल उठाने वालों पर कटाक्ष करते हुए वीरेंद्र सहवाग ने अपने आप को टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे घातक सलामी बल्लेबाज स्थापित किया. वीरू का अपार आत्मविश्वास और सकारात्मकता उतनी ही मनमौजी थी.’
यहां आपको याद दिला दें कि सहवाग ने टीम इंडिया (Team India) के लिए 104 टेस्ट मैच खेले हैं जिसनें उन्होनें लगभग 50 की औसत से 8,586 रन बनाए हैं. इतना ही नहीं सहवाग टेस्ट में तिहरा शतक बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज हैं, वहीं वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले वह दूसरे बल्लेबाज हैं. उनसे पहले सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट का पहला दोहरा शतक जड़ा था. इसके साथ ही सहवाग 2007 टी-20 विश्व कप और 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी थे.
Cocking a snook at those who questioned his pedigree against high-quality fast bowling, @virendersehwag went on to establish himself as one of the most destructive openers in Test history. Viru’s immense self-belief and positivity was as mind-boggling as it was infectious. pic.twitter.com/BDOGoSV0FN
— VVS Laxman (@VVSLaxman281) June 5, 2020
सहवाग की तारीफ से पहले लक्ष्मण ने टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ (Javagal Srinath) की भी जमकर तारीफ की और कहा, ‘मैसूर के ये तेजतर्रार गेंदबाज जवागल श्रीनाथ भारतीय गेंदबाजी में क्रांति लेकर आए. यहां तक कि कठिन परिस्थितियों में उन्होंने हमेशा टीम की जरूरतों के हिसाब से प्रदर्शन किया. श्रीनाथ की ताकत प्रतिकूल परिस्थितियों में प्रदर्शन करने की उनकी भूख थी.’