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जिन 24 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव होंगे, उनमें से छह सीटें वो हैं, जो आगामी 40 दिनों के भीतर मौजूदा सदस्यों के रिटायरमेंट के कारण खाली होने वाली हैं. इनमें कर्नाटक की 4 और मिज़ोरम व अरुणाचल प्रदेश की एक-एक सीट शामिल है. राज्यसभा चुनावों में सीटों, उम्मीदवारों और राज्यों में राजनीतिक समीकरणों का पूरा ब्योरा बिंदुवार समझें.
किन सीटों पर होने वाली है जंग?चुनाव आयोग ने जो कार्यक्रम घोषित किया है, उसके मुताबिक आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश की कुल 24 राज्यसभा सीटों के लिए आगामी 19 जून को चुनाव होगा. यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि संसद के उच्च सदन में एनडीए के पास पूर्ण बहुमत नहीं है. साथ ही भाजपा के पास भी पूरी ताकत नहीं है इसलिए केंद्र सरकार को यहां बिल पास कराने के लिए अन्य पार्टियों को साधने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है.
भाजपा-कांग्रेस के बीच कैसे होगी नंबरों की जंग?
245 सदस्यों वाली राज्यसभा की मौजूदा सदस्य संख्या 224 है, जिसमें भाजपा के पास अभी कुल 75 सदस्य हैं और एनडीए की गिनती 91 की है. वहीं, कांग्रेस 39 सदस्यों के साथ सदन में है जबकि यूपीए की ताकत 61 सदस्यों की है. बीते मार्च में हुए चुनाव के दौरान भाजपा के सदस्यों की संख्या 81 से घट गई थी इसलिए इस बार भाजपा कम से कम नौ सीटें जीतने के लिए पूरा दम लगा रही है. ऐसा हुआ तो भाजपा की सदस्य संख्या कांग्रेस की तुलना में दोगुनी से ज़्यादा हो जाएगी क्योंकि भाजपा नौ सीटें जीती तो कांग्रेस को सीटों का नुकसान होगा ही.
भाजपा : किन उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर?
हाल ही, कर्नाटक में सबको चौंकाते हुए भाजपा ने एरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती पर दांव खेला. जबकि यहां से उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा प्रभाकर कोरे, रमेश कट्टी, प्रकाश शेट्टी, निर्मल सुराना या प्रोफेसर एम नागराज में से किसी को बतौर कैंडिडेट सामने लाएगी. दूसरी तरफ, गुजरात से भाजपा ने अभय भारद्वाज, रमीलाबेन बारा के साथ ही एक अतिरिक्त उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस से भाजपा में जुड़े नरहरि अमीन का नाम सामने रखा है.
मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया को तोड़कर कांग्रेस को बड़ा झटका दे चुकी भाजपा ने यहां कांग्रेस को कन्फ्यूज़ करने के लिए एक अतिरिक्त उम्मीदवार खड़ा करने की योजना बना ली है. इसी तरह, राजस्थान से भाजपा ने राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को राज्यसभा में लाने की तैयारी की है तो झारखंड की दो सीटों में से एक पर कांग्रेस के साथ कड़ा मुकाबला करने के लिए प्रदेशाध्यक्ष दीपक प्रकाश का नाम प्रकाशित किया है. अरुणाचल से नेबाम रेबिया के लिए भी भाजपा आश्वस्त है.
कांग्रेस : पार्टी को कितना बचा पाएंगे उम्मीदवार?
राज्यसभा चुनावों से ऐन पहले कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर टूट फूट का दौर चल रहा है. गुजरात में पिछले हफ्ते तीन विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दिया. राज्य विधानसभा में 2017 में जहां कांग्रेस के 77 विधायक थे, अब 65 ही बचे हैं. इसी तरह, मप्र में सिंधिया करीब दो दर्जन विधायकों को लेकर कांग्रेस से अलग हो गए. बहरहाल, मप्र से फिर दिग्विजय सिंह का राज्यसभा में पहुंचना लगभग तय है. लेकिन जिस सीट से फूलसिंह बरैया संसद पहुंचते रहे हैं, उस मुकाबला कठिन होने के आसार हैं.
गुजरात से कांग्रेस के शशिकांत गोहिल और भरतसिंह सोलंकी का भविष्य तय होगा. राजस्थान से कांग्रेस ने केसी वेणुगोपाल और नीरज दांगी को राज्यसभा भेजने की तैयारी की है. वहीं, झारखंड से प्रकाश के मुकाबले में कांग्रेस ने शहज़ादा अनवर का नाम आगे रखा है. यहां एक सीट शिबू सोरेन की पार्टी के लिए सुरक्षित मानी जा रही है.
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