मैच के दौरान हिंसा करते फैंस
साल 2013 में ब्राजील (Brazil) में फुटबॉल मैचों के दौरान हिंसा से 30 लोगों की मौत हो गई थी
बीच मैच में शुरू हो गई फैस की लड़ाई
ब्राजील के 2013 घरेलू सीजन का आखिरी मैच एटलेटिको और वास्को डा गामा के बीच खेला गया था. यह मैच फ्सर्ट डीविजन ब्राजील चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला था. मैच के दौरान दोनों टीमों के फैंस स्टेडियम में मौजूद थे और वहां पुलिस मौजूद नहीं थी. मैच 17वें मिनट में पहुंचा होगा तभी दोनों फैंस के बीच लड़ाई शुरू हो गई. फैंस एक-दूसरे पर लात-घूसों बरसा रहे थे जो चीज हाथ में आती उसी को उठाकर एक-दूसरे फेंक रहे थे. मौके पर पुलिस पहुंची तो उन्हें फैंस को कंट्रोल में लाने के लिए पैलेट गन का इस्तेमाल करना पड़ा. हजारों फैंस को रोकने में केवल 80 पुलिसकर्मी कामयाब नहीं हो पा रहे थे.
इस दौरान खिलाड़ी मैदान से ही फैंस को शांत कराने की कोशिश करते रहे लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. इस हिंसा में एक फैन को इतनी ज्यादा चोट लगी कि उसे एयरलिफ्ट कराके मैदान से बाहर ले जाना पड़ा. थोड़ी देर बाद पुलिस और मेडिकल स्टाफ स्टेडियम में पहुंचे.
खिलाड़ियों ने फैंस को रोकने की कोशिश की
मैच के बाद एटलेटिको (Atletico) के डिफेंजर लुइस एलर्बटो ने कहा, ‘मैं पिछले 20 साल से फुटबॉल खेल रहा हूं लेकिन मैंने ऐसा दृश्य पहली बार देखा है. स्टेडियम में कोई पुलिसवाला नहीं था ऐसे में हमने फैंस को शांत करने की कोशिश लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जो हुआ वह काफी दर्दनाक था. हम मदद करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन इतने लोगों को रोकना आसान नहीं था.
ब्राजील में काफी पुराना है फुटबॉल हिंसा का इतिहास
ब्राजील में फुटबॉल हिंसा का इतिहास बहुत पुराना है.सालों से यहां फुटबॉल के कारण हुई हिंसा में फैंस की जान गई हैं. द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक 1999 से 2008 के बीच फुटबॉल हिंसा में लगभग 42 लोगों की जाने गईं हालांकि इसके बाद यह संख्या बढ़ती गई औऱ साल 2008 से 2012 के बीच इस खेल में हुई हिंसा में हर साल 29 लोगों की जान गई. हालांकि ज्यादातर मौत स्टेडियम के बाहर हुई. ब्राजील में स्टेडियम के अंदर सुरक्षा हाल के सालों में बेहतर हुई है.
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