CARS24 के सह-संस्थापक और सीएफओ, रुचित अग्रवाल का कहना है कि “लोग मेहनत से कमाए गए पैसे को COVID-19 महामारी के बाद निवेश करने की योजना बना रहे हैं और वे ऑफिस आने जाने के लिए नई कार के बजाय सेकेंड हैंड कार खरीदने की तैयारी कर रहे हैं.
सेकेंड हैंड कार खरीदते समय रखें इन बातों का ख्याल- सेकेंड हैंड कार अपने साथ कुछ दिक्कतें भी लाती है इसलिए चलिए हम आपको उन बातों के बारे में बताते हैं जिससे आपकी यात्रा आरामदायक हो.
(1) नई कार की तुलना में सेकेंड हैंड कार पर लोन की ब्याज दर आम तौर पर ज्यादा होती है. जैसे की ICICI बैंक सेकेंड हैंड कार पर 14.25 फीसदी और नई कार पर 9.30 फीसदी ब्याज चार्ज करता है.(2) इंजन पर देना होता ख़ास ख्याल क्योंकि आपको यह नहीं पता होता है कि सेकेंड हैंड कार के साथ कब और कैसी दुर्घटना हुई है.
(3) स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप, बैंकबाजार के वाइस प्रेसीडेंट अभिनव कौल कहते हैं नई कार गारंटी के साथ आती है लेकिन पुरानी नहीं. अग्रवाल का कहना है कि बैंकों को लोन मंजूर करने से पहले पुरानी कारों के मूल्यांकन के लिए अतिरिक्त लागत भी लगानी होगी.
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(4) कार फाइनल करने के बाद इस बात की भी जांच कर लें कि कार पर कोई पुराना लों तो बकाया नहीं है. यदि कोई लों चल रहा है तो उसकी पूरी डिटेल लें.
(5) सभी डाक्यूमेंट को चेक कर लें. जैसे की रजिस्ट्रेशन, कार खरीद का चालान, सर्विस बुक, इंश्योरेंश बुक, फॉर्म 29, फॉर्म 30, फॉर्म 32 और फॉर्म 35 (जब विक्रेता ने कार खरीदने के लिए ऋण लिया है). अधिकांश बैंक उन कारों का इस्तेमाल नहीं करते हैं जिन्हें तीन बार से अधिक बेचा गया है.
(6) इस्तेमाल की गई कार के लिए समान बीमा कवरेज की आवश्यकता हो सकती है. इसलिए थर्ड पार्टी बीमा कवरेज लें.
(7) वाहन के पंजीकरण के 14 दिनों के बाद यदि बीमा पॉलिसी को स्थानांतरित नहीं किया जाता है, तो थर्ड पार्टी को किसी भी दुर्घटना के लिए दावा बीमा कंपनी द्वारा भुगतान नहीं किया जाएगा.
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