कोरोना के इस संकट में कार खरीदते वक्त इन 7 बातों का रखें ख्याल, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान | Second hand car in India Buying a used bike-scooter-Focus on these seven things before sealing the deal | auto – News in Hindi

कोरोना के इस संकट में कार खरीदते वक्त इन 7 बातों का रखें ख्याल, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान | Second hand car in India Buying a used bike-scooter-Focus on these seven things before sealing the deal | auto – News in Hindi


नई दिल्ली. देश में जारी लॉकडाउन (Lockdown) में छूट मिलने के साथ ही लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जगह अपने वाहन से यात्रा करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Pandemic) के दौरान Cars24 द्वारा करीब 3250 लोगों पर किए एक सर्वे में 62% का कहना था कि वे अपने वाहन से घूमना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा कम होता है. सर्वे में सबसे दिलचस्प बात ये पता चली की 50 प्रतिशत का कहना था कि लॉकडाउन के बाद वो सेकेंड हैंड कार खरीदेंगे.

CARS24 के सह-संस्थापक और सीएफओ, रुचित अग्रवाल का कहना है कि “लोग मेहनत से कमाए गए पैसे को COVID-19 महामारी के बाद निवेश करने की योजना बना रहे हैं और वे ऑफिस आने जाने के लिए नई कार के बजाय सेकेंड हैंड कार खरीदने की तैयारी कर रहे हैं.

सेकेंड हैंड कार खरीदते समय रखें इन बातों का ख्याल- सेकेंड हैंड कार अपने साथ कुछ दिक्कतें भी लाती है इसलिए चलिए हम आपको उन बातों के बारे में बताते हैं जिससे आपकी यात्रा आरामदायक हो.

(1) नई कार की तुलना में सेकेंड हैंड कार पर लोन की ब्याज दर आम तौर पर ज्यादा होती है. जैसे की ICICI बैंक सेकेंड हैंड कार पर 14.25 फीसदी और नई कार पर 9.30 फीसदी ब्याज चार्ज करता है.(2)  इंजन पर देना होता ख़ास ख्याल क्योंकि आपको यह नहीं पता होता है कि सेकेंड हैंड कार के साथ कब और कैसी दुर्घटना हुई है.

(3) स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप, बैंकबाजार के वाइस प्रेसीडेंट अभिनव कौल कहते हैं नई कार गारंटी के साथ आती है लेकिन पुरानी नहीं. अग्रवाल का कहना है कि बैंकों को लोन मंजूर करने से पहले पुरानी कारों के मूल्यांकन के लिए अतिरिक्त लागत भी लगानी होगी.

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(4) कार फाइनल करने के बाद इस बात की भी जांच कर लें कि कार पर कोई पुराना लों तो बकाया नहीं है. यदि कोई लों चल रहा है तो उसकी पूरी डिटेल लें.

(5)  सभी डाक्यूमेंट को चेक कर लें. जैसे की रजिस्ट्रेशन, कार खरीद का चालान, सर्विस बुक, इंश्योरेंश बुक, फॉर्म 29, फॉर्म 30, फॉर्म 32 और फॉर्म 35 (जब विक्रेता ने कार खरीदने के लिए ऋण लिया है). अधिकांश बैंक उन कारों का इस्तेमाल नहीं करते हैं जिन्हें तीन बार से अधिक बेचा गया है.

(6)  इस्तेमाल की गई कार के लिए समान बीमा कवरेज की आवश्यकता हो सकती है. इसलिए थर्ड पार्टी बीमा कवरेज लें.

(7)  वाहन के पंजीकरण के 14 दिनों के बाद यदि बीमा पॉलिसी को स्थानांतरित नहीं किया जाता है, तो थर्ड पार्टी को किसी भी दुर्घटना के लिए दावा बीमा कंपनी द्वारा भुगतान नहीं किया जाएगा.

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