नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद (Javed Miandad) क्रिकेट की दुनिया का वो नाम है जिन्होंने अपने क्रिकेट करियर में बेशुमार शोहरत कमाई है, वो दुनिया के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने 6 वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया था. सिर्फ भारत के सचिन तेंदुलकर ही मियांदाद के इस रिकॉर्ड की बराबरी कर पाए हैं. मियांदाद अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे. उन्होंने पाकिस्तान की तरफ से 124 टेस्ट और 233 वनडे मैच खेले हैं.
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मियांदाद आज अपना 63वां बर्थडे मना रहे हैं. पाकिस्तान के इस महान बल्लेबाज का जन्म 12 जून 1957 को कराची में हुआ था. अपने लंबे करियर के दौरान मियांदाद ने पाकिस्तान के लिए क्रिकेट के मैदान पर कई रिकॉर्ड बनाए और 1992 में अपने मुल्क को वर्ल्ड कप दिलाने में में अहम भूमिका निभाई. मियांदाद की अहमियत पाकिस्तान क्रिकेट में क्या है इस बात का अंदाजा आप, इसी बात से लगा सकते हैं कि अपनी रिटायरमेंट के इतने सालों के बाद भी मियांदाद पाकिस्तान के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में चौथे नंबर पर हैं.
अब बात करते हैं उस घटना की जिसकी वजह से मियांदाद टीम इंडिया के लिए विलेन बन गए. दरअसल 18 अप्रैल 1986 को भारत और पाकिस्तान के बीच शारजाह में ऑस्ट्रेलेशिया कप का फाइनल चल रहा था. टीम इंडिया ने पहले बैटिंग करते हुए 7 विकेट पर 245 रन बनाए थे. जिसके बाद पाकिस्तान की पारी शुरु हुई और पाकिस्तानी टीम ने 49.5 ओवर में 242 रन जुटा लिए. जीत हासिल करने के लिए पाकिस्तान को आखिरी बॉल पर 4 रनों की जरूरत थी.
उस ओवर में टीम इंडिया को चेतन शर्मा से उम्मीदें थी और दूसरी तरफ पाकिस्तानी टीम को उम्मीदें थी जावेद मियांदाद से क्योंकि जावेद उस वक्त 110 रन पर खेल रहे थे. फिर क्या था, जावेद ने चेतन शर्मा की आखिरी बॉल पर जोरदार छक्का लगा दिया और भारत जीती हुई बाजी हार गया. उस मैच में पाकिस्तान को तो जीत मिली लेकिन चेतन शर्मा को जिन्दगी भर के लिए न धुलने वाला बदनुमा दाग लग गया.
भारत और मियांदाद का एक खास रिश्ता है. भारत-पाक के बंटवारे से पहले मियांदाद के माता-पिता गुजरात में रहा करते थे पर देश के बंटवारे के बाद कराची में जाकर बस गए. इसके अलावा अगर हम बात करें मियांदाद के क्रिकेट करियर की तो आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि वो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं. साल 1976 में मियांदाद ने 19 साल की उम्र में न्यूजीलैंड के खिलाफ 206 रन बनाकर यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था.