- पूर्व विधायक गुप्ता पर कार्रवाई की मांग करते हुए पटवारी के साथ कांग्रेस नेताओं ने राजबाड़ा पर बिना अनुमति धरना दिया था
- इंदौर में तीन दिन से जारी सियायी ड्रामे में कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही नेताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाईं
दैनिक भास्कर
Jun 14, 2020, 04:51 PM IST
इंदौर. बिना अनुमति राजबाड़ा पर धरना देने के मामले में रविवार को कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल और शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने सराफा थाने में गिरफ्तारी दी। तीनों नेताओं ने सबसे पहले मां अहिल्या का आशीर्वाद लिया फिर थाने पहुंचे। पुलिस ने इन्हें कुछ ही देर में जमानत के बाद रिहा कर दिया। इस दौरान सराफा थाने में बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था। जीतू पटवारी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वे भोपाल में हैं। पटवारी ने एक वीडियो जारी कर रहा कि हम पर द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने के बजाय अपने पूर्व विधायक पर कुछ कार्रवाई भाजपा द्वारा की जाती तो अच्छा होता।
बाकलीवाल बोले – हम पर झूठा आरोप, कोर्ट तक जांएगे
कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने कहा कि जनता के तीन चुने प्रतिनिध और संगठन का प्रमुख होने के नाते हम चारों सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने हुए धरने पर बैठे थे। जिस इलाके में पूर्व विधायक गुप्ता ने राशन वितरण के लिए ढाई हजार लोगों की भीड़ इकट्ठा की। वह कंटेनमेंट एरिया है। वहीं, कई संक्रमित हैं और पांच की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी इतना बड़ा आयोजन बिना अनुमति के हुआ और केस दर्ज नहीं किया गया। कांग्रेस ने शिकायत की तो धारा 188 में केस दर्ज किया। हम परमीशन मांगते हैं तो हमें स्वीकृति नहीं मिलती। जो धारा हम पर लगी है, वो गलत है। हम कोर्ट जाएंगे। बाकलीवाल ने गुप्ता पर धारा बढ़ाने के साथ गिरफ्तारी की मांग भी की।
जीतू बोले – कलेक्टर मनीष सिंह अच्छे एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर
शनिवार को कांग्रेस द्वारा राजवाड़ा पर धरने को लेकर जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर बयान दिया। कहा- कलेक्टर मनीष सिंह एक अच्छे एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर माने जाते हैं। हम उनका सम्मान करते हैं। क्या आप इतने दबाव में काम करेंगे, हम पर तत्काल केस और एक भाजपा नेता ने हमारों की भीड़ एकत्रित की, उस पर 24 घंटे बाद केस। यह गलत है। किसी अधिकारी के नीचे बैठ के बात करने से यह साबित नहीं होता कि वह घुटनों के बल बैठा हुआ है। किसी भी व्यक्ति को कई तरह की परेशानी हो सकती है। इसलिए उसने इस तरह से बात की हो, लेकिन भाजपा द्वारा यदि सुदर्शन गुप्ता पर भी कुछ कार्रवाई की जाती तो अच्छा रहता। विधायक कुणाल चौधरी मेरे संपर्क में कुछ दिन पहले आए थे। मैं भी जल्द ही कोरोना टेस्ट करवाऊंगा।
एसडीएम और सीएसपी का तबादला
शनिवार सुबह कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी, संजय शुक्ला और विशाल पटेल देवी अहिल्या प्रतिमा उद्यान में धरने पर बैठे थे, तभी प्रशासनिक अफसर उनसे चर्चा करने पहुंचे और धरना खत्म करने की बात कही। इस दौरान एसडीएम राकेश शर्मा और सीएसपी डीके तिवारी बात करते हुए घुटने के बल बैठ गए। इसके बाद मामला गरमा गया। बात भोपाल तक पहुंची तो देर रात सरकार ने दोनों अफसरों का तबादला कर दिया। इससे पहले कलेक्टर मनीष सिंह ने भी घुटने पर बैठने के मामले में एसडीएम को नोटिस दिया था।
यह है हंगामे की पूरी वजह
पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता द्वारा कमला नेहरू कॉलोनी के मैदान पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जन्मदिन का आयोजन किया था, इसमें सैकड़ों गरीब परिवार की महिलाओं को इकट्ठा किया गया। राशन के लिए जुटी भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग को भूल गई और जमकर धक्का-मुक्की हुई। घटना को लेकर कुछ वीडियो वायरल हुए तो कांग्रेस पुलिस के पास पहुंच गई। इसी मामले को लेकर शनिवार को जीतू पटवारी के साथ कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल और शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल गुप्ता पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए राजबाड़ा पर बिना अनुमति के धरने पर बैठ गए थे। मामले में पुलिस ने शनिवार रात इन पर धारा 188, 34 में केस दर्ज किया था।