- पंडित से दूर से ही लिया आर्शिवाद, न फूल और न ही प्रसाद चढ़ा, मुंह पर मास्क लगाने पर ही प्रवेश
- लक्ष्मीनारायण (बिड़ला) मंदिर में पहली बार विशेष दिनों को छोड़कर सामान्य दिन में दूसरा गेट खुला
दैनिक भास्कर
Jun 15, 2020, 11:13 AM IST
भोपाल. भोपाल में कंटेनमेंट क्षेत्रों को छोड़कर आज से सभी धार्मिक स्थल खुल गए। हालांकि, प्रदेशभर में मठ, मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारे और शिवालय 8 जून से भक्तों के लिए खोले जा चुके हैं, लेकिन कोरोना के कारण भोपाल में इन्हें रविवार तक बंद रखा गया था।
सोमवार सुबह शहर के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल लक्ष्मीनारायण मंदिर में पहली बार दूसरा गेट खोला गया। यह गेट सिर्फ विशेष त्योहारों पर ही भीड़ को देखते हुए खोला जाता था, लेकिन कोरोना के कारण इसे एंट्री गेट के रूप में खोला गया है। वहीं आम दिनों में खुलने वाले गेट का उपयोग भक्तों को मंदिर से बाहर निकलने के लिए किया जा रहा है। आम दिनों में मंदिर खुलने से सुबह 10 बजे तक रोजाना डेढ़ सौ से 200 भक्त पहुंचते थे, लेकिन सोमवार को यह संख्या 10 से 12 ही रही। मंदिर में सुरक्षा गार्ड को सभी गेट पर तैनात किया गया है। यह भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने के पहले मास्क लगाए रहने और हाथ सैनिटाइज करने के निर्देश देते हैं।
दूसरी बार बैठक में लिया जा सका निर्णय
प्रदेश में सभी धार्मिक स्थल 8 जून को ही खुल गए थे, लेकिन भोपाल में इन्हें खोलने के लिए दो बार बैठक करना पड़ी। राजधानी में कोरोना के लगातार मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में 7 जून को हुई बैठक के बाद इन्हें आगामी आदेश तक बंद रखने का निर्णय लिया गया था। दो दिन पहले पुलिस कंट्रोल रूम में सभी धर्मों के प्रमुखों से बातचीत के बाद कलेक्टर तरुण पिथौड़े ने सभी धार्मिक स्थल 15 जून से खोले जाने के आदेश जारी कर दिए थे।

न घंटी बजी और न ही प्रसाद चढ़ाया
कोरोना के कारण सभी धार्मिक स्थलों में भक्तों और श्रद्धालुओं को सिर्फ दर्शन करने की अनुमति मिली है। अगरबत्ती से लेकर प्रसाद, फूल और जल आदि पर रोक है। मंदिर में बैठने से लेकर खाना आदि तक नहीं खा सकते हैं। भीड़ लगाना और खड़े होकर बातचीत भी परिसर के अंदर मना है।

यह तैयारियां सभी जगह की गई
कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के अनुसार ही सभी धार्मिक स्थलों में प्राथर्ना और प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक, प्रदेश के कंटेनमेंट एरिया में आने वाले सभी धार्मिक प्रतिष्ठान और पूजा-स्थल बंद रहेंगे। केवल इसके बाहर के धार्मिक स्थलों पर प्रवेश की अनुमति होगी।

10 साल से कम और 65 साल से अधिक उम्र को सलाह
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए जनसाधारण को जरूरी सावधानियां बरतनी होंगी। 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर पर ही रहने की सलाह दी गई है। मठ-मंदिर और मस्जिदों में काम करने वाले पुजारी-कर्मचारियों और श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने को कहा गया है। सार्वजनिक स्थानों पर आपस में 6 फीट की दूरी रखनी होगी। चेहरे को मास्क या फेस कवर से ढंकना अनिवार्य किया गया है।
इस तरह कराए जा रहे दर्शन
- प्रवेश द्वार पर हैंड हाईजीन के लिए सैनिटाइजर, डिस्पेंसर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था।
- लक्षण रहित व्यक्तियों (सर्दी, खांसी, बुखार आदि न होने पर) को परिसर में प्रवेश से रोक।
- मॉस्क या फेस कवर के बिना प्रवेश नहीं।
- ऑडियो एवं वीडियो क्लिप द्वारा बचाव संबंधी सावधानियों का बार-बार प्रसारण सुनिश्चित करना होगा।
- परिसर के बाहर एवं पार्किंग एरिया में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी।
- संचालकों को सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए लाइन में गोले के निशान बनाए गए।
- प्रसाद, चरणामृत, छिड़काव आदि की व्यवस्था को बंद रखने का निर्णय लिया गया।
- मंदिरों से घंटियां हटाई गईं। फूल, नारियल, अगरबत्ती, चादर आदि चढ़ाने पर रोक।