Meet Arshad from kerela, a students of class 9th, who made Light weight motorcycle using scrap from his father’s automobile workshop | 9वीं में पढ़ने वाले अरशद ने पिता की ऑटोमोबाइल वर्कशॉप में पड़े फालतू सामान से बनाई लाइट वेट मोटरसाइकिल

Meet Arshad from kerela, a students of class 9th, who made Light weight motorcycle using scrap from his father’s automobile workshop | 9वीं में पढ़ने वाले अरशद ने पिता की ऑटोमोबाइल वर्कशॉप में पड़े फालतू सामान से बनाई लाइट वेट मोटरसाइकिल


  • एक फुल टैंक में 50 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकती है बाइक
  • करीब 10,000 रुपये की लागत से बनी हल्की मोटरसाइकिल

दैनिक भास्कर

Jun 16, 2020, 07:49 PM IST

कोच्चि में 9वीं कक्षा के स्टूडेंट अरशद टीएच ने अपने पिता की ऑटोमोबाइल वर्कशॉप में पड़े फालतू सामान की मदद से एक हल्की मोटरसाइकिल विकसित की है। कोच्चि के पल्लुरूथी के रहने वाले टीजे हाशिम और हसीना के बेटे अरशद एसडीपीवाई स्कूल में 9वीं का स्टूडेंट है। अरशद ने स्क्रैप पार्ट (फालतू सामान) को एक साथ जोड़कर डेढ़ महीने में इस मोटरसाइकिल को तैयार किया है। इस बाइक में सीट और हैंडल से जुड़ा एक लीटर की क्षमता वाला पेट्रोल टैंक भी है। अरशद का दावा है कि यह बाइक फुल टैंक में 50 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकती है। 

10,000 रुपये में बनी मोटरसाइकिल 

स्क्रैप टायर, डिस्क ब्रेक, एलईडी लाइट,अन्य बाइक- वाहक के हैंडल और साइकिल की सीट के साथ बनी इस हल्की मोटरसाइकिल को बनाने में करीब 10,000 रुपये लागत आई है। अरशद ने बताया कि जब उन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपने पिता की कार्यशाला में एक लोहे का पाइप और मोटरबाइक का इंजन देखा तो उनके मन में एक बाइक बनाने का विचार आया। हालांकि शुरुआत में पिता ने उसे डांटा, लेकिन बाद में इस काम में उसकी मदद की और डेढ़ महीने में यह पूरी हो गई। बाइक के बाद अब अरशद एक ट्रॉली बनाना चाहता है। 

अब ट्रॉली बनाने की है इच्छा

वहीं, इस बारे में अरशद के पिता हाशिम ने कहा कि उन्हें अपने बेटे के इस काम पर गर्व है और अब वह भविष्य में उसके इन कामों में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि “जब वह लॉकडाउन के दौरान घर पर था, तो उसने मुझसे पूछा कि क्या वह एक बाइक बना सकता है,जो साइकिल की तरह दिखती है। इसके बाद मेरे दोस्त ने उसे एक वेल्डिंग मशीन दी। मुझे नहीं लगा था कि यह बाइक इतनी अच्छी लगेगी। वह अब इसका रजिस्ट्रेशन करवाना भी चाहता है। वह कहता है कि अगली बार ट्रॉली बनाना चाहता है। मैं इसके लिए उसका पूरा सपोर्ट करूंगा।





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