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चंडीगढ़एक महीने पहलेलेखक: गौरव मारवाह
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रेसलर बजरंग पूनिया ने कहा- जब तक कोरोना की वैक्सीन तैयार नहीं हाे जाती, तब तक सरकार के दिए दिशा-निर्देशों का पालन करना ही होगा।
- ओलिंपिक के लिए नए सिरे से प्लानिंग कर तैयारी में जुटे रेसलर बजरंग पूनिया
- कहा- मेरा ट्रेनिंग पार्टनर और फिजियो मेरे साथ थे, इसलिए ट्रेनिंग जारी रही
कोरोनावायरस के कारण ओलिंपिक सहित दुनियाभर के कई मेगा इवेंट स्थगित या कैंसिल हो चुके हैं। भारत में भी अनलॉक-1 शुरू हो चुका है। खेल मंत्रालय ने स्टेडियम खोलने की अनुमति दे दी है। कुछ खिलाड़ी ट्रेनिंग शुरू कर चुके हैं। ओलिंपिक क्वालिफाई कर चुके खिलाड़ियों ने अगले साल के टोक्यो गेम्स के लिए नए सिरे से तैयारी शुरू कर दी है।
इसमें पहलवान बजरंग पूनिया भी शामिल हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप में तीन मेडल जीत चुके बजरंग घर पर ही ट्रेनिंग कर रहे हैं। वे कहते हैं, ‘मैं सोशल मीडिया की दी जानकारी को फॉलो नहीं करता। मैं सिर्फ सरकार और एक्सपर्ट के आदेश ही मानता हूं।’ बजरंग से इंटरव्यू के अंश…
सवालः लॉकडाउन में कैसे तैयारी की? रूटीन कैसा रहा? फिटनेस और गेम पर क्या असर पड़ा?
जवाबः मुझे ज्यादा परेशानी नहीं हुई। मैंने घर पर ही एक मैट और कुछ जिम इक्विपमेंट्स का इंतजाम कर लिया था। उससे मुझे ट्रेनिंग करने में काफी मदद मिली। मेरा ट्रेनिंग पार्टनर और फिजियो मेरे साथ थे, इसलिए मेरी ट्रेनिंग लगातार जारी रही।
सवालः खेल मंत्री ने कहा कि 6 से 10 मेडल आ सकते हैं। आप कितने मेडल की उम्मीद कर रहे हैं?
जवाबः उम्मीद तो सभी को है कि इस मेडल टैली में अधिक से अधिक मेडल होंगे। मुझे भी ऐसी ही उम्मीद है क्योंकि सरकार ने खिलाड़ियों को काफी सपोर्ट किया है।
सवालः हमारी तैयारी पूरी होती है, लेकिन मेडल नहीं आ पाते। ऐसा क्यों? विदेश जाने पर बैन है, क्या इससे तैयारी पर असर पड़ेगा?
जवाबः अब खेल को लेकर देशवासियों की भी सोच बदल रही है। क्रिकेट के साथ बाकी गेम्स की तरफ भी अब देशवासी रुचि लेने लगे हैं। उम्मीद है बदलाव आएगा। विदेशी कोच और विदेश में ट्रेनिंग से कुछ फर्क तो पड़ेगा, पर ये मुश्किल किसी एक के लिए नहीं पूरी दुनिया के लिए है। सभी इस परेशानी से जूझ रहे हैं।
सवालः रेसलिंग कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स है। कोविड-19 के बाद गेम और रेसलर की ट्रेनिंग को लेकर अप्रोच में किस तरह का बदलाव आएगा?
जवाबः अभी सभी को सावधानी बरतनी पड़ेगी। जब तक वैक्सीन तैयार नहीं हाे जाती, तब तक सरकार के दिए दिशा-निर्देशों का पालन करना ही होगा। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी ये कहावत आज की स्थिति पर पूरी तरह से सही बैठती है। मैं भी मेडिकल फील्ड के एक्सपर्ट और डॉक्टर्स के दिए गए दिशा-निर्देशाें का पालन करूंगा। मैं सोशल मीडिया और वॉट्सएप के ज्ञान के हिसाब से चलकर खुद की और औरों की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करूंगा।
सवालः ओलिंपिक पोस्टपोन होने से क्या असर पड़ेगा? क्या नए सिरे से प्लानिंग करनी पड़ेगी?
जवाबः इससे बहुत फर्क पड़ेगा क्योंकि हम खास टूर्नामेंट को ध्यान में रखते हुए ही प्लानिंग करते हैं। अब जब ओलिंपिक गेम्स एक साल के लिए पोस्टपोन हो गए हैं तो ट्रेनिंग के साथ-साथ पूरी प्लानिंग भी बदलनी होगी।
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