Cheteshwar Pujara on facing pink ball in Test matches

Cheteshwar Pujara on facing pink ball in Test matches


नई दिल्ली: टीम इंडिया के बैट्समैन चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में गुलाबी गेंद से डे-नाइट टेस्ट मैच खेलना बल्लेबाजों के लिए एक बहुत बड़ा चैलेंज होगा. पुजारा की मानें तो लाल और गुलाबी गेंद में जमीन आसमान का फर्क है. जहां एक तरफ गुलाबी गेंद कुछ ओवर्स के बाद सॉफ्ट हो जाती है और स्विंग करना बंद कर देती है, वहीं दूसरी ओर लाल गेंद पूरे मैच में स्विंग होती रहती है. इतना ही नहीं गुलाबी गेंद की रफ्तार भी लाल गेंद से अलग होती है और भारतीय बल्लेबाजों को इस गेंद से खेलने की जल्द से जल्द आदत डालनी होगी. अगर टीम इस गेंद से खेलने की आदत नहीं डाल पाई तो ऑस्ट्रेलियाई दौरे में बल्लेबाजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.  

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पुजारा ने एक खेल चैनल के शो पर कहा, ‘डे-नाइट टेस्ट या गुलाबी गेंद से खेलना, ये लाल गेंद से खेलने से बिलकुल अलग है. प्रारूप भले ही एक हों लेकिन गुलाबी गेंद की रफ्तार और उसका रंग दिखनें में बिल्कुल अलग होता है. बल्लेबाज को इसकी आदत डालनी होगी. ये आसान नहीं होगा क्योंकि नेट पर काफी अभ्यास करना होगा. घरेलू स्तर पर यह आसान नहीं है. रणजी ट्रॉफी में एसजी लाल गेंद से खेलने वालों के लिये यह कठिन है. इसके लिये काफी अभ्यास चाहिए.’

पुजारा का मानना है कि गुलाबी गेंद से खेलना खासकर युवा क्रिकेटर्स के लिए एक बहुत ही बड़ी चुनौती होगा. उन्होंने कहा, ‘जो खिलाड़ी पहले से ही कुछ घरेलू टूर्नामेंट में गुलाबी गेंद से खेल चुके हैं और जिन्होंने गुलाबी गेंद का एक टेस्ट मैच खेला है, उन्हें इसकी आदत होगी, लेकिन यह एक बल्लेबाज के लिए पूरी तरह से एक अलग चुनौती है.’

ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच 4 मैचों की टेस्ट सीरीज 3 दिसंबर से ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर शुरू होगी. ब्रिस्बेन के बाद दूसरा टेस्ट मैच एडिलेड में खेला जाएगा, तो तीसरा और चौथा टेस्ट मेलबर्न और सिडनी में होगा. वैसे देखा जाए तो भारतीय टीम हर डिपार्टमेंट में काफी मजबूत है, फिर चाहें बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी या फिर फील्डिंग. टीम इंडिया खेल के किसी भी विभाग में ऑस्ट्रेलिया से कम नहीं है. इसलिए इस सीरीज का निर्णय इस बात पर निर्भर करेगा कि दोनों में से कौन सी टीम मुश्किल समय में अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलती है. जो टीम ऐसा कर लेगी वही सीरीज विजेता बनेगी.

यहां आपको याद दिला दें कि साल 2018-19 में भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसी की जमीन पर हराने में कामयाब हुआ था. विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम ने 71 सालों में पहली बार ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में हराने का कारनामा कर दिखाया था. उस सीरीज में पुजारा ने अपने बल्ले का खूब जलवा दिखाया था और इसी वजह से उन्हें मैन ऑफ द सीरीज के अवॉर्ड से भी नवाजा गया था.





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