Indian Cricket depand on China, Chinese Money spread From Ipl to Team India | भारतीय क्रिकेट पर इन चाइनीज कंपनियों का लगा है पैसा, जानिए डिटेल

Indian Cricket depand on China, Chinese Money spread From Ipl to Team India | भारतीय क्रिकेट पर इन चाइनीज कंपनियों का लगा है पैसा, जानिए डिटेल


नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पहले ही अपनी कमाई का सबसे बड़ा जरिया यानी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) आयोजित नहीं करा पाने के कारण परेशान है. लेकिन बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के सामने अब एक नई परेशानी खड़ी होने वाली है. ये परेशानी बन रही है चीन के खिलाफ पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों की शहादत. चीन की इस धोखेबाजी से भारतीय जनमानस के मन में बने ‘एंटी चाइना’ माहौल के कारण यदि देश में चीनी चीजों का बहिष्कार जारी हुआ तो इसका सबसे बड़ा असर भारतीय क्रिकेट के सिस्टम पर दिखाई दे सकता है, जो आज की तारीख में चीन के पैसे के भरोसे ही चल रहा है.

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आईपीएल में ही लगा हुआ है कई हजार करोड़ रुपया
भारतीय क्रिकेट में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर देखें तो वैश्विक प्रसारण अधिकार मूल्यांकन के हिसाब से वर्ल्ड की टॉप-5 स्पोर्टस गतिविधियों में शुमार आईपीएल से ही चीनी पैसे का सारा गुणा गणित दिखाई दे जाता है. आईपीएल को चीन की मोबाइल कंपनी वीवो के नाम से पहचाना जाता है, जिसने इसकी 5  साल की टाइटल स्पॉनसरशिप के बदले बीसीसीआई के साथ 2200 करोड़ रुपये का सौदा कर रका है. इसी तरह से ऑनलाइन फैंटेसी लीग प्लेटफार्म ड्रीम-11 और पेमेंट एप पेटीएम भी आईपीएल के अधिकृत पार्टनरों में से एक हैं. ड्रीम-11 में वर्ल्ड की सबसे बड़ी वीडियो गेम कंपनियों में से एक चीनी कंपनी टेनसेंट की बड़ी हिस्सेदारी है, जबकि पेटीएम में चीनी ई-कॉमर्स जॉइंट अलीबाबा ने 37.15 फीसदी का हिस्सा खरीदा हुआ है. आईपीएल में एसोसिएट स्पॉन्सर के तौर पर मौजूद स्विग्गी में भी टेनसेंट के 5.27 फीसदी के शेयर हैं.

टीम इंडिया को भी दे रहा है चीन ही पैसा
भारतीय क्रिकेट टीम को स्पांसर करने के लिए बीसीसीआई के साथ पांच साल की स्पांसरशिप डील के लिए ऑनलाइन स्टडी एप बायजूस ने 1,079 करोड़ रुपये दिए हैं. बायजूस में टेनसेंट की बड़ी हिस्सेदारी है. इसी तरह पेटीएम भी बीसीसीआई को टीम इंडिया के हर मैच का टाइटल स्पांसर बनने के लिए 3.8 करोड़ रुपये प्रति मैच के हिसाब से देता है. ड्रीम-11 भी बीसीसीआई का अधिकृत स्पॉन्सर है. हालांकि बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरूण सिंह धूमल का कहना है कि फिलहाल सभी स्पॉन्सर के साथ संबंध सुरक्षित हैं. हमें सरकार से कुछ भी रोकने के निर्देश अब तक नहीं मिले हैं.

आईओए की घोषणा से बढ़ा है बीसीसीआई पर दबाव
हालांकि बीसीसीआई भले ही अपने स्पांसरों से संबंध सुरक्षित बता रहा हो, लेकिन सच ये है कि भारतीय ओलंपिक संघ की एक घोषणा  से क्रिकेट बोर्ड पर भी दबाव बढ़ा है. आईओए (IOA) के सचिव राजीव मेहता (Rajiv Mehta) ने कहा है कि वे भारतीय ओलंपिक दल के स्पॉन्सर के तौर पर चीनी बैडमिंटन निर्माता कंपनी ली निंग (Li Ning) का करार खत्म करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि देश सबसे पहले होता है, स्पॉन्सर दूसरा तलाश लिया जाएगा.





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