महिला लकवा (Paralysis) से पीड़ित थी, इसलिए बैठ नहीं पाती थी.
पति पूरनलाल ने बताया कि डिस्चार्ज होने के बाद उन्होंने अस्पताल प्रबंधन (District Hospital, Raisen) सहित कई डॉक्टरों से गुहार लगाई कि उनके पास वाहन नही हैं, पत्नी को घर भिजवा दिया जाए, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. इसलिए उसे अपनी पत्नी को साइकिल (Cycle) पर लटकाकर घर ले जाना पड़ा.
पति पूरनलाल ने बताया कि डिस्चार्ज होने के बाद उन्होंने अस्पताल प्रबंधन सहित कई डॉक्टरों से गुहार लगाई कि उनके पास वाहन नही हैं, पत्नी को घर भिजवा दिया जाए, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. इसलिए साइकिल पर लटकाकर घर ले जाना पड़ा.
कांग्रेस नेता ने की मदद
साइकिल में पत्नी को लटका कर जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर घर जा रहे पूरनलाल पर करीब 20 किलोमीटर पैदल चलने के बाद भोपाल के पास कांग्रेस के किसान नेता देवेंद्र पटेल की नजर पड़ी. देवेंद्र अपनी कार से नरसिंहपुर जा रहे थे. उन्होंने तत्काल अपनी कार रोकी और पुरानलाल से पूरी जानकारी लेने के बाद आर्थिक मदद की. फिर पूर्व मंत्री प्रभुराम चौधरी को कॉल कर उनके बारे में जानकारी दी. प्रभुराम चौधरी की पहल पर रायसेन तहसीलदार अजय प्रताप पटेल ने मौके पर पहुंचकर एम्बुलेंस से महिला को घर भिजवाया.जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही
ऐसा नहीं है कि डिस्चार्ज करते समय अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ को जानकारी नहीं थी कि पूरनलाल के पास पत्नी को ले जाने के लिए कोई साधन नहीं है. लेकिन सब जानते हुए अस्पताल ने लापरवाही दिखाई. लकवाग्रस्त पत्नी को साइकिल से ले जाने के लिए छोड़ दिया. ऐंबुलेंस मुहैया कराना मुनासिब नहीं समझा.
पूर्व मंत्री ने सोशल मीडिया पर शेयर किया दर्द
इस मामले में पूर्व मंत्री प्रभुराम चौधरी ने सोशल मीडिया पर दर्द शेयर करते हुए लिखा कि दोपहर क्षेत्र के एक जागरूक नागरिक देवेंद्र पटेल ने फोन पर सूचना दी कि पूरनलाल अपनी लकवाग्रस्त धर्मपत्नी को साइकिल पर लेकर जिला अस्पताल रायसेन गांव के लिए रवाना हुए हैं. यह सुनते ही मामले की गंभीरता और उनके कष्ट का अंदाजा मुझे हो गया. मेरे अनुरोध पर तहसीलदार अजय पटेल ने तत्काल एम्बुलेंस भेजकर महिला को घर भिजवाया. और मानवता की मिसाल पेश की. (रिपोर्ट- देवराज दुबे)
First published: June 21, 2020, 4:53 PM IST