Indian weightlifter will not use China’s equipment, weightlifting federation said- China’s equipment is inferior | भारतीय वेटलिफ्टर चीन के इक्विपमेंट का इस्तेमाल नहीं करेंगे, वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने कहा- चीन के इक्विपमेंट घटिया है

Indian weightlifter will not use China’s equipment, weightlifting federation said- China’s equipment is inferior | भारतीय वेटलिफ्टर चीन के इक्विपमेंट का इस्तेमाल नहीं करेंगे, वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने कहा- चीन के इक्विपमेंट घटिया है


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नई दिल्लीएक महीने पहले

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वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने चीन से आए खेल सामानों को घटिया बताया है। फेडरेशन ने चीनी सामान के बॉयकॉट की बात भी कही है। – प्रतीकात्मक फोटो

  • वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने चीन की कंपनी जेडकेसी के वेटलिफ्टिंग सेट नहीं खरीदने का निर्णय लिया है
  • बीसीसीआई ने भी चीन की कंपनियों के साथ करार खत्म करने को लेकर बोर्ड सदस्यों की रिव्यू मीटिंग बुलाई है

गलवान घाटी में पिछले दिनों भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के दौरान 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से ही देशभर में चीनी सामान के बॉयकॉट को लेकर आवाजें उठने लगी हैं। इस बीच भारतीय वेटलिफ्टरों ने भी चीन की कंपनियों के इक्विपमेंट का इस्तेमाल नहीं करने का निर्णय लिया है।

दूसरी तरफ वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने चीन से आए खेल सामानों को घटिया बताया है। फेडरेशन ने चीनी सामान के बॉयकॉट की बात भी कही है। फेडरेशन ने टोक्यो ओलिंपिक में इस्तेमाल होने वाले चीन की कंपनी जेडकेसी के वेटलिफ्टिंग सेटों को भी नहीं खरीदने का फैसला किया है।

भारतीय कपंनियों और अन्य देशों के द्वारा बनाए गए सेट खरीदेंगे

फेडरेशन ने कहा है कि चीन की कंपनी ‘जेडकेसी’ से पिछले साल चार वेटलिफ्टिंग सेट मंगवाए थे। वह सभी खराब निकले और वेटलिफ्टर इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। फेडरेशन के महासचिव सहदेव यादव ने कहा कि चीन के सामानों का बॉयकॉट होना चाहिए। फेडरेशन ने फैसला लिया है कि चीन में बने किसी भी सामान का उपयोग नहीं करेंगे। बल्कि अब भारतीय कपंनियों और अन्य देशों के द्वारा बनाए गए सेट खरीदेंगे।इसकी जानकारी स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया को दे दी गई है।

चीन के सामानों का खिलाड़ियों ने भी बॉयकॉट किया
राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा ने बताया कि शिविर में शामिल सभी वेटलिफ्टर ऑनलाइन सामान खरीदते समय यह ध्यान रख रहे हैं कि यह चीन की कंपनी का तो नहीं है। यही नहीं खिलाड़ी चीनी ऐप टिक टॉक का भी बॉयकॉट कर रहे हैं। 

बीसीसीआई ने रिव्यू के लिए बुलाई है मीटिंग

बीसीसीआई और आईपीएल का वीवो, पेटीएम, ली निंग और बायजू सहित कई कंपनियों के साथ करार है। वहीं, वीवो आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सर भी है। वह हर साल आईपीएल को 440 करोड़ रुपए देती है। यह करार 2022 तक का है। पेटीएम भी आईपीएल की स्पॉन्सर है। हालांकि, पेटीएम में चीनी कंपनी अलीबाबा की हिस्सेदारी है।

बायजू कंपनी ने भी पिछले साल बीसीसीआई से पांच साल के लिए करार किया है। वह जर्सी की स्पॉन्सर है। 2022 तक वह 1079 करोड़ रूपए बीसीसीआई को देगी। ड्रीम-11 से भी बीसीसीआई का करार है। हालांकि, बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरूण धूमल कह चुके हैं कि चीनी कंपनियों के साथ हुए करार के रिव्यू को लेकर अगले हफ्ते गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग बुलाई गई हैं।

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