सब्सिडी पाने के लिए एक निश्चित फीसदी कंपोनेंट भारत से ही सोर्स करना आवश्यक होगा
सरकार वाहन निर्माता कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी के लिए जरूरी लोकलाइनजेशन की शर्तों को कड़ा करने पर विचार कर रही है. सरकार ने इसके लिए एक चरणबद्ध मैन्युफैक्चरिंग स्कीम बनाई है जिसमें हर साल ऑटो कंपनियों को भारत में बने कम्पोनेन्ट की फीसदी बढ़ानी होगी.
कम होगी समय सीमा
दरअसल, स्कीम के मुताबिक कंपनियों को सब्सिडी पाने के लिए एक निश्चित फीसदी कंपोनेंट भारत से ही सोर्स करना आवश्यक है. सरकार ने इसके लिए एक चरणबद्ध मैन्युफैक्चरिंग स्कीम बनाई है जिसमें हर साल ऑटो कंपनियों को भारत में बने कम्पोनेन्ट की फीसदी बढ़ानी होगी. अब इस समय सीमा को कम करने पर विचार हो रहा है.
यह भी पढ़ें: दिल्ली के कन्नॉट प्लेस, खान मार्केट जैसे प्रीमियम बाजार से निकलने की तैयारी में कई ब्रांड्स, लॉकडाउन ने पस्त की हालतलिथियम बैटरी के लिए चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहता भारत
वहीं कंपनियां अब इलेक्ट्रिक गाड़ियों में लगने वाली लिथियम आयन बैटरी (Lithium ion Battery) के लिए चीन के अलावा बाकी देशों पर के विकल्प पर विचार कर रही है. दरअसल, दुनिया भर के लिथियम आयन बैटरी बाजार में चीन का दबदबा है. भारत अब इस दबदबे को तोड़ने के लिए अर्जेंटीना, चिली और बोलीविया जैसे देशों की तरफ ध्यान दे रहा है जहां लिथियम की बड़ी खान हैं. इसके लिए सर्वोच्च स्तर पर बातचीत चल रही है.
भारत के लिए आसान होगा स्वदेशी बैटरी निर्माण
लिथियम के स्रोत पर अधिकार होने के बाद भारत के लिए अपने देश के अंदर ही बड़े स्तर पर बैटरी निर्माण करना आसान हो जाएगा. नीति नीति आयोग इसके लिए एक बैट्री मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम भी तैयार कर रही है जिसमें भारत में बैटरी की गीगाफैक्ट्री लगाने वालों को छूट भी दी जाएगी. भारत में लिथियम आयन बैटरी बनने से इलेक्ट्रिक व्हीकल की कुल कीमत भी काफी कम होगी क्योंकि बैटरी पूरी गाड़ी की कितनी का लगभग 30 फ़ीसदी होता है.
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सरकार को उम्मीद है कि 2021 तक भारत में बनने वाले अधिकतर इलेक्ट्रिक व्हीकल मैं भारतीय कंपोनेंट्स ही लगेंगे. सरकार अगले 5 साल में भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल के निर्माण के हब के रूप में विकसित करना चाहती है. खुद इंडस्ट्री से क्षेत्र में मौकों और चुनौतियों को लेकर एक प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है. भारत के इलेक्ट्रिक मई के क्षेत्र में इन नए कदमों के इस्तेमाल से न सिर्फ घरेलू इंडस्ट्री को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि वैश्विक इलेक्ट्रिक व्हीकल व्यापार में चीन का दबदबा भी कम होगा. (रोहन सिंह, CNCB आवाज़)
First published: June 22, 2020, 9:32 PM IST