CISCE: Mumbai High court instruct ICSE board to share marking or grading methodology with the students who opt to to give exams option | हाईकोर्ट ने बोर्ड को परीक्षा को लेकर स्थिति साफ करने के दिए निर्देश, स्टूडेंट्स के साथ मार्किंग स्कीम शेयर करने को भी कहा

CISCE: Mumbai High court instruct ICSE board to share marking or grading methodology with the students who opt to to give exams option | हाईकोर्ट ने बोर्ड को परीक्षा को लेकर स्थिति साफ करने के दिए निर्देश, स्टूडेंट्स के साथ मार्किंग स्कीम शेयर करने को भी कहा


  • जो स्टूडेंट परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते हैं, उनके लिए वैकल्पिक ग्रेडिंग प्रणाली की स्थिति स्पष्ट करें बोर्ड:हाईकोर्ट
  • जारी नए शेड्यूल के मुताबिक 12वीं के छात्रों की परीक्षाएं 1 जुलाई और 10वीं की परीक्षाएं 2 जुलाई 2020 से शुरू होगी

दैनिक भास्कर

Jun 23, 2020, 03:59 PM IST

इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (ICSE) बोर्ड को मुंबई हाईकोर्ट ने वेबसाइट पर इंटरनल मार्किंग का ऑप्शन शेयर करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने बोर्ड को निर्देशित किया कि जो स्टूडेंट बोर्ड की लंबित परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते हैं, उनके लिए वैकल्पिक ग्रेडिंग प्रणाली की स्थिति स्पष्ट करते हुए उसे साझा करें। जिसके बाद अब काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) द्वारा वेबसाइट पर इंटरनल मार्किंग का ऑप्शन शेयर करेगा। 

लॉकडाउन के कारण स्थगित परीक्षा

देश में कोविड-19 के कारण लगे पहले चरण के लॉकडाउन के कारण सभी बोर्ड परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थीं। जिसके बाद अब बोर्ड 10वीं की बची परीक्षा जुलाई में आयोजित करने की योजना बना रहा है। हालांकि, बोर्ड ने स्टूडेंट्स को परीक्षा के लिए उपस्थित होने या पूर्व बोर्ड के आधार पर वैकल्पिक पद्धति के अनुसार परिणाम प्राप्त करने के लिए विकल्प भी दिया है। इसके साथ ही बोर्ड ने विकल्प चुनाव कीआखिरी तारीख भी बढ़ा दी है। अब स्टूडेंट्स अपने विकल्प का चुनाव 24 जून तक कर सकते है।

01 जुलाई से होगी परीक्षा

ICSE बोर्ड की बची परीक्षाएं जुलाई 2020 में आयोजित की जानी हैं। बोर्ड की तरफ से जारी नए शेड्यूल के मुताबिक 12वीं के छात्रों की परीक्षाएं 1 जुलाई और 10वीं की परीक्षाएं 2 जुलाई 2020 से शुरू होगी। बाद में बोर्ड एक ऑफिशियल वेबसाइट पर एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर स्टूडेंट्स को परीक्षा के लिए शामिल होने या पूर्व बोर्डों के आधार पर परिणाम प्राप्त करने का विकल्प दिया था। 

पैरेंट्स ने दायर की याचिका

इससे पहले अभिभावकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए मांग की गई थी कि लाखों छात्र अगर एग्जाम के लिए एग्जाम हॉल में इकट्ठा होंगे तो उनको कोविड-19 के संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा है। इस याचिका में मांग की गई है कि कोरोनावायरस अपने जुलाई में बढ़ने की ज्यादा संभावना है,ऐसे में एग्जाम कराना स्वार्थपूर्ण है, इसलिए परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए।



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