सीएम शिवराज सिंह (फाइल तस्वीर)
कोरोना आपदा (Coronavirus Pandemic) के बाद लगे लॉकडाउन (Lockdown) में वापस लौटे प्रवासी (Migrants) मजदूरों को मध्य प्रदेश सरकार रोजगार देने का दावा कर रही है. राज्य सरकार द्वारा रोजगार सेतु पोर्टल भी विकसित किया गया है.
रोजगार सेतु के माध्यम से रोजगार मिला
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने बुधवार को इन सभी प्रवासी मजदूरों और रोजगार देने वाले नियोक्ताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के जरिए बातचीत की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि कोविड संकट काल में लौटे हर प्रवासी श्रमिक को उनकी योग्यता अनुसार रोजगार दिया जाएगा. इसके लिए रोजगार सेतु पोर्टल (Rozgar Setu Portal) भी तैयार किया गया है. अभी तक प्रदेश में 3 लाख 37 हजार 857 प्रवासी श्रमिकों के जॉब कार्ड (Job Card) बनाए जा चुके हैं तथा 1 लाख 62 हजार 840 को रोजगार दिया गया है और इनमें से लगभग 6 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार सेतु के माध्यम से रोजगार दिया गया है.
किस क्षेत्र में कितने मजदूर कर रहे काम
प्रवासी मजदूरों का जो आंकड़ा सरकार ने इकट्ठा किया है उसके मुताबिक निर्माण कार्य में करीब एक लाख 76 हजार मजदूर लगे हुए थे जो लौट कर वापस आ गए हैं. कुल मजदूरों में इनकी संख्या प्रतिशत के हिसाब से देखें तो सबसे ज्यादा 24 फीसदी होती है. इसके बाद खेती के काम में 99 हजार मजदूर लगे हुए थे जो लौट कर वापस आए हैं यह कुल मजदूरों का 13.50 फीसदी है. टाइल बनाने के काम में लगे 37 हजार, कारपेंटर का काम करने वाले 27 हजार, दुकान और रेस्टोरेंट में काम करने वाले 27 हजार, लोडिंग का काम करने वाले 20 हजार, ड्राइवर करीब 17 हजार और प्राइवेट सिक्योरिटी में काम करने वाले 12600 मजदूर लौट कर वापस आए हैं. खास बात यह है कि जो मजदूर लौट कर आए हैं उनमें 50 फीसदी से ज्यादा 18 से 30 साल के बीच के हैं.
मजदूरों पर शुरु हुई सियासत
मजदूरों की इतनी संख्या में वापसी के बाद कांग्रेस (Congress) ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का आरोप है कि इतनी भारी संख्या में मजदूरों का वापस अपने प्रदेश लौटना यह साबित करता है कि उन्हें बीजेपी की 15 साल की सरकार के दौरान काम मध्य प्रदेश में नहीं मिला.
First published: June 24, 2020, 11:25 PM IST