- 10वीं के स्टूडेंट्स को बची हुई परीक्षाएं नहीं देनी होंगी, 12वीं के छात्रों को एसेसमेंट पिछली 3 परीक्षाओं के आधार पर होगा
- 12वीं के स्टूडेंट्स जो विकल्पीय परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते, उनका एसेसमेंट सीबीएसई बोर्ड 15 जुलाई तक जारी करेगा
दैनिक भास्कर
Jun 25, 2020, 04:10 PM IST
सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को हुई सुनवाई में यह जानकारी दी। अब स्टूडेंट्स का असेसमेंट उनकी पिछली 3 एग्जाम के आधार पर होगा। उनके पास बाद में परीक्षा देने का विकल्प होगा। 12वीं की परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई के बीच होनी थी। देशभर में इसके 12 सब्जेक्ट के पेपर बचे हैं। वहीं, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इन 12 के अलावा 11 और मेन सब्जेक्ट के पेपर बाकी हैं। 18 मार्च को ये परीक्षाएं टाल दी गई थीं।
गुरुवार को सीबीएसई ने स्टूडेंट्स को कितनी राहत दी, सवाल-जवाब के जरिए समझिए…
#1) 10वीं-12वीं के छात्रों को सीबीएसई ने कितनी राहत दी?
- 10वीं के स्टूडेंट्स को अब सीबीएसई बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं नहीं देनी होगी।
- 12वीं के स्टूडेंट्स का असेसमेंट इनकी पिछली 3 परीक्षाओं में किए प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।
#2) क्या सीबीएसई के इस फैसले से टॉपर स्टूडेंट पिछड़ जाएंगे?
12वीं के छात्रों के पास दोबारा परीक्षा देने का विकल्प रहेगा। वे चाहें तो परीक्षा देकर अंकों में सुधार कर सकते हैं। ये परीक्षाएं तब होंगी जब स्थितियां सामान्य होंगी।
#3) सीबीएसई कब जारी करेगा छात्रों का एसेसमेंट?
12वीं के वो छात्र जो बाद होने वाली विकल्पीय परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते हैं, सीबीएसई बोर्ड उनका एसेसमेंट 15 जुलाई तक जारी करेगा।
#4) परीक्षाएं किस आधार पर टाली गई हैं?
- 10वीं और 12वीं की परीक्षा देने वाले बच्चों के पैरेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की थी। इसमें मांग की गई कि बोर्ड को एग्जाम्स रद्द कर देना चाहिए। पिटीशन में यह भी उदाहरण दिया गया कि कर्नाटक में परीक्षाओं के दौरान एक बच्चे के पिता कोरोना पॉजिटिव पाए गए और 24 स्टूडेंट्स को क्वारैंटाइन होना पड़ा। संक्रमण के खतरे के अलावा दूसरे कारण भी गिनाए गए हैं।
- गुरुवार को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कई राज्यों की सरकार परीक्षाएं दोबारा कराने में अमसर्थता जता चुकी हैं क्योंकि कई स्कूलों को क्वारेंटाइन सेंटर में तब्दील किया जा चुका है।
- सुप्रीम कोर्ट में दायर पिटीशन के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली और ओडिशा सरकार ने पिछले दिनों मानव संसाधन विकास मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर कहा था कि परीक्षाएं रद्द कर देनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
- 12वीं की परीक्षा के बारे में सीबीएसई नोटिफिकेशन जारी करे।
- अभी इंटरनल असेसमेंट और बाद में बचे हुए पेपर देने का विकल्प दिया जाए।
- रिजल्ट घोषित करने की तारीख बताई जाए।
- स्टेट बोर्ड में एग्जाम्स किस तरह होंगे, इस पर केंद्र स्थिति साफ करे।
- सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार सुबह 10:30 बजे फिर सुनवाई करेगा।
#5) सीबीएसई के फैसला का मेडिकल और इंजीनियरिंग के एंट्रेंस एग्जाम पर कितना असर पड़ेगा?
आईआईटी दिल्ली के पूर्व प्रोफेसर और एजूकेशनिस्ट प्रो. अजॉय घातक कहते हैं कि इस फैसले का जेईई, जेईई एडवांस्ड और नीट जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के करिअर पर सीधे तौर पर कोई असर नहीं होगा। क्योंकि इन छात्रों का एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर ही होना है। इसके उलट, जो स्टूडेंट्स बीएससी (ऑनर्स), बीए (ऑनर्स) या इकोनॉमिक (ऑनर्स) जैसे कोर्सेस की तैयारी कर रहे हैं। उनके लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण होने वाली है। क्योंकि इन कोर्सेस में अधिकतर इंस्टीट्यूट मैरिट पर ही एडमिशन देते हैं।
डीयू जैसे इंस्टीटूयूट में कटऑफ का दायरा हर साल बढ़ रहा है। 99% तक कटऑफ पहुंच रहा है। अगर इस साल 12वीं करने वाले छात्रों ने ऐसे किसी संस्थान में एडमिशन लेने का लक्ष्य रखा होगा, तो वो क्या करेगा ये भी बड़ा सवाल है। फिलहाल यही उम्मीद कर सकते हैं कि इंटरनल असेसमेंट पारदर्शिता के साथ किया जाए।
- जेईई मेन – 18 जुलाई से 23 जुलाई। इसी एग्जाम के बेस पर स्टूडेंट्स जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालिफाई होते हैं। जेईई मेन के जरिए एनआईटी, सरकारी और प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन मिलता है। इसमें 9 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स शामिल होते हैं।
- नीट – 26 जुलाई। इसके जरिए सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस में एडमिशन मिलता है।
- जेईई (एडवांस्ड) – 23 अगस्त। सिर्फ 2.5 लाख स्टूडेंट्स जेईई मेन के बाद एडवांस्ड के लिए क्वालिफाई कर पाते हैं। इसके जरिए 23 आईआईटी में एडमिशन मिलता है।