महिला एवं बाल विकास विभाग: लॉकडाउन में काम कराया, अब 1027 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला- Women and Child Development Department: Worked in lockdown, now 1027 employees get fired NODBK | bhopal – News in Hindi

महिला एवं बाल विकास विभाग: लॉकडाउन में काम कराया, अब 1027 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला- Women and Child Development Department: Worked in lockdown, now 1027 employees get fired NODBK | bhopal – News in Hindi


विभाग के का कहना है कि एजेंसी का टेंडर खत्म हो गया है. (सांकेतिक फोटो)

पोषण अभियान योजना (Poshan Abhiyan Yojna) में 1027 कर्मचारियों की अप्रैल से सेवाएं समाप्त करने की सूचना जारी कर दी गई थी.

भोपाल. महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) में पोषण अभियान योजना में काम कर रहे 1000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया. इन कर्मचारियों से लॉकडाउन के दौरान सेवाएं ली गई थीं. लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) खत्म होने के बाद इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. अब इन कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट आन खड़ा है. ये सभी कर्मचारी 2016 से नौकरी कर रहे थे. कर्मचारी संगठनों ने मांग की है कि विभाग इन सभी कर्मचारियों को फिर से नौकरी (Job) पर रखे.

पोषण अभियान योजना में 1027 कर्मचारियों की अप्रैल से सेवाएं समाप्त करने की सूचना जारी कर दी गई थी. लेकिन इसके बावजूद भी जरूरत पड़ने पर इनकी सेवाएं लॉकडाउन के दौरान भी विभाग ने ली. इन्हें नौकरी से नहीं निकाला. कर्मचारियों का कहना है कि अप्रैल में सेवा समाप्त करने  के बाद भी  विभाग ने मार्च से जून तक कोरोना आपदा में नौकरी कराई. उनकी जगह ड्यूटी लगाई गई. इन कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना आपदा के दौरान डटकर नौकरी भी की. इसके बावजूद भी विभाग ने इन कर्मचारियों का ध्यान नहीं रखा और इन्हें कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के नाम पर हटा दिया गया. आप सभी कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं और उनको मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इन कर्मचारियों का आरोप है कि तीन महीने अप्रैल से जून तक का वेतन भी नहीं दिया गया.

2016 से कर रहे थे नौकरी
मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि 2016 जीम इंटरप्राइजेस ने महिला एवं बाल विकास विभाग में आउट सोर्सिंग पर 1027 कर्मचारियों को पोषण अभियान के लिए नौकरी पर रखा था. विभाग के का कहना है कि एजेंसी का टेंडर खत्म हो गया है. इसलिए सभी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है. वहीं, नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों की मांग है कि विभाग उन्हें दोबारा नौकरी पर रखे. इसके लिए उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. आउट सोर्स की जगह पर सभी कर्मचारियों को संविदा कर्मचारी के तौर पर नौकरी पर रखना चाहिए. सभी कर्मचारी अनुभवी हैं और ऐसे में विभाग के लिए कर्मचारी कारगर साबित होंगे. इसको लेकर कर्मचारियों ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क भी किया है. देखना है कि इन बेरोजगार कर्मचारियों पर विभाग क्या फैसला लेता है. 



First published: June 27, 2020, 9:05 AM IST





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