मध्य प्रदेश के विदिशा में बिना हाथ-पैर की बच्ची का जन्म हुआ है. (सांकेतिक तस्वीर)
विदिशा के सिरोंज के नजदीक ग्राम सांकला (Village Sankla) में रहने वाले सोनू वंशकार के घर में एक बच्ची ने जन्म लिया है. नवजात बच्ची के दोनों हाथ और पैर नहीं हैं.
दरअसल, सिरोंज के नजदीक ग्राम सांकला में रहने वाले सोनू वंशकार के घर में एक बच्ची ने जन्म लिया है. जन्मजात बीमारी कहें या कुछ और, जन्मी नवजात बच्ची के दोनों हाथ और दोनों पैर नहीं हैं. हालांकि उसकी धड़कनें सही तरह से चल रही हैं. और बच्ची को सांस लेने में भी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है. लेकिन जन्म के साथ ही हाथ पैर न होना लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है. इस मामले में सिरोंज शासकीय राजीव गांधी चिकित्सालय के डॉ. राहुल चंदेलकर का कहना है कि यह एक जन्मजात बीमारी है जो लाखों लोगों में से किसी एक में देखी जाती है. इसे ट्रेट एमेलिया कहा जाता है.
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सिरोंज अस्पताल के मेडिकल स्टाफ के मुताबिक, बगैर हाथ-पैर के जन्मी नवजात डिलीवरी के बाद से ही मां का दूध आराम से पी रही है. उसके अंदर शारीरिक कमी के अलावा किसी प्रकार की परेशानी नहीं दिख रही है. बच्ची की दादी सक्काबाई ने बताया कि हमारे परिवार में पीढ़ियों से कोई भी व्यक्ति अपंग पैदा नहीं हुआ. इस बच्ची के जन्म ने हैरत में डाल दिया है. भगवान ने हमारे घर ऐसी अद्भुत बच्ची भेजी है. यह भी भगवान की ही देन है.
First published: June 28, 2020, 1:10 PM IST