टेस्ला (Tesla) दुनिया की सबसे वैल्युएबल कंपनी बन गई.
जापान की कंपनी टोयोटा (Toyota) को पीछे छोड़ इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) दुनिया की सबसे वैल्युएबल कंपनी बन गई.
कैसे कंपनी बनी दुनिया में नंबर-1-टेस्ला के वैल्युएशन में उछाल का श्रेय एलन मस्क द्वारा टेस्ला सेमी कमर्शियल ट्रक के उत्पादन को बढ़ाने के निर्णय को दिया जाता है. मस्क ने 2017 में फ्यूचरिस्टिक, बैटरी चालित सेमी के प्रोटोटाइप का अनावरण किया था, तब उन्होंने कहा था कि 2018 तक Class 8 ट्रक का उत्पादन होगा. हाल ही में, उन्होंने कहा कि 2021 तक बड़े स्तर पर सेमी का उत्पादन होगा.
टेस्ला बनी दुनिया की सबसे मूल्यवान कार कंपनी, इसे छोड़ा पीछे
मस्क ने नियमों को तोड़ शुरू किया प्लांट-बता दें कि कोरोना वायरस संकट के बीच टेस्ला के सीईओ एलन मस्क अमेरिका में सरकार के मना करने के बावजूद अपने कैलिफोर्निया संयंत्र को दोबारा शुरू कर दिया. कैलिफोर्निया संयंत्र में एक कर्मचारी कोरोना से संक्रमित पाया गया है. टेस्ला ने 2019 के अंत में दुनिया भर में 48,000 लोगों को रोजगार दिया.टोयोटा ने 10 साल पहले टेस्ला में किया था निवेश-विडंबना यह है कि टोयोटा ने 10 साल पहले टेस्ला में करीब 50 मिलियन डॉलर का निवेश किया था ब कंपनी ने Fremont, कैलिफ़ोर्निया में अपनी फैसिलिटी एलन मस्क को बेच दी थी. टोयोटा ने बाद में अपने शेयरों को टेस्ला को बेच दिया और मुनाफा कमाया.
First published: July 3, 2020, 1:27 PM IST