- मेड इन चाइना सामान को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट का रुख भी सख्त हुआ
- दो हफ्ते में ग्वालियर मुरार जिला अस्पताल के रैन बसेरे में टीवी लगवानी होगी
दैनिक भास्कर
Jul 03, 2020, 06:42 PM IST
ग्वालियर. जवानों की शहादत एवं सीमा पर चीन से तनातनी के माहौल के बीच जहां लोगों में गुस्सा है, वहीं अब हाईकोर्ट भी चीन में बनी वस्तुओं के इस्तेमाल पर सख्त हो गया है। बड़ौनी थाने में हत्या के प्रयास के आरोपियों को जमानत देने के लिए हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि आरोपियों को अस्पताल में 25 हजार कीमत की एलईडी टीवी लगानी होगी, लेकिन यह शर्त रखी कि टीवी चाइना मेड न हो। बुधवार को यह आदेश ग्वालियर खंड पीठ के जस्टिस शील नागू द्वारा किया गया। आरोपियों को दो हफ्ते में ग्वालियर के मुरार जिला अस्पताल के रैन बसेरे में टीवी लगाने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले पर हाईकोर्ट ने दिया आदेश
18 फरवरी को बड़ौनी थाना क्षेत्र के ग्राम औरीना में आरोपी अरविंद्र पटेल एवं कमलेश पाल ने बृजेश पाल की मारपीट कर उसके पैर में गोली मार दी थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ मारपीट व हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। 20 फरवरी को आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गुरुवार को ग्वालियर खंडपीठ के जस्टिस शील नागू ने जमानत याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए सुनवाई की।
हाईकोर्ट के जस्टिस नागू ने रखी है शर्त
जस्टिस शील नागू ने दोनों को जमानत तो दे दी, लेकिन शर्त यह रखी कि आरोपियों को ग्वालियर मुरार जिला अस्पताल के रैन बसेरे में 25 हजार मूल्य की एलईडी टीवी लगानी है। खास बात यह है कि निर्देश में स्पष्ट कहा गया कि टीवी भारत में अथवा किसी भी देश में बना हो, लेकिन चीन का बना नहीं होना चाहिए। इससे पहले हाईकोर्ट पेड़ पौधे लगाने और समाज सेवा करने की-शर्त पर लोगों को जमानत का लाभ देता रहा है।