उपचुनाव से पहले नाराज सरकारी कर्मचारियों को मनाने में शिवराज सरकार जुट गई है.
शिवराज सरकार (Shivraj Government) उपचुनाव (By election) से पहले करीब 10 लाख सरकारी कर्मचारियों को बढ़ा तोहफा दे सकती है. सालाना 3 फीसदी वेतनवृद्धि (Pay Raise) का ऐलान कर सकती है.
उपचुनाव को देखते हुए कोरोना महामारी के बीच आर्थिक संकट के दौर में भी शिवराज सरकार कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करने के लिए बड़ा फैसला ले सकती है. जुलाई 2020 से लगभग 10 लाख कर्मचारियों को सालाना वेतनवृद्धि देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. एक जुलाई से करीब 3 फीसदी के हिसाब से कर्मचारियों को वेतनवृद्धि देने का ऐलान किया जा सकता है. वेतनवृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए आगे बढ़ा दिया गया है.
सरकार पर सालाना 540 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा
तीन फीसदी के हिसाब से करीब 10 लाख कर्मचारियों को वेतनवृद्धि देने से सरकार पर सालाना 540 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा. प्रदेश में फिलहाल हर साल करीब 20 हज़ार करोड़ रुपए वेतन भत्तों में खर्च होते हैं. इस हिसाब से सालाना वेतनवृद्धि के बाद जुलाई से मार्च तक इस पर करीब 540 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे.कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने की कोशिश
कोरोना संकट को देखते हुए कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की तीसरी और अंतिम किस्त का एरियर देने पर फिलहाल सरकार ने रोक लगा दी थी. इससे पहले 5 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने का भी निर्णय वापस ले लिया गया था. इस पर कर्मचारियों ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी. लेकिन अब उपचुनाव से पहले भाजपा किसी भी तरह से कर्मचारियों की इस नाराजगी को दूर करना चाहती है. यही वजह है कि वेतनवृद्धि के जरिए नाराज कर्मचारियों को खुश करने की कवायद हो रही है.
First published: July 6, 2020, 3:49 PM IST