PM मोदी 10 जुलाई को राष्ट्र को समर्पित करेंगे एशिया की सबसे बड़ी सौर परियोजना | rewa – News in Hindi

PM मोदी 10 जुलाई को राष्ट्र को समर्पित करेंगे एशिया की सबसे बड़ी सौर परियोजना | rewa – News in Hindi


रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पित कर राष्ट्र को समर्पित किया जायेगा.

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में स्थापित रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना (Rewa Ultra Mega Solar Project) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से 10 जुलाई को लोकार्पण करेंगे.

भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivaraj Singh Chauhan) ने रविवार को नयी दिल्ली में कहा कि राज्य में स्थापित रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना (Rewa Ultra Mega Solar Project) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से 10 जुलाई को लोकार्पण करेंगे. एशिया (Asia) के सबसे बड़ी इस सौर ऊर्जा परियोजना की क्षमता 750 मेगावाट है.

मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग (Madhya Pradesh Public Relations Department) की यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि 750 मेगावाट क्षमता वाले रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पित कर राष्ट्र को समर्पित किया जायेगा.’ उन्होंने कहा कि पिछले दिल्ली दौरे में प्रधानमंत्री ने इसकी स्वीकृति दे दी है. सौर ऊर्जा पावर प्लांट का लोकार्पण कार्यक्रम 10 जुलाई को होना निश्चित हुआ है.

पीएम मोदी ने की कृषि अनुसंधान की प्रगति की समीक्षा
इससे पहले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत में कृषि अनुसंधान, विस्तार और शिक्षा की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने इस दौरान कृषि व संबद्ध क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के प्रयोग और नवोन्मेष सुनिश्चित करने के लिये स्टार्टअप तथा कृषि उद्यमियों को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उन्होंने किसानों की बेहतर आय सुनिश्चित करने के लिये खेत से उपभोक्ता के बीच की सभी कड़ियों में निवेश की आवश्यकता को रेखांकित किया.ये भी पढ़ें- कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लिए आगे आए 30 हजार से ज्यादा लोग, जानें कारण

मोदी ने बाद में ट्विटर पर कहा, ‘‘भारत किसानों को फायदा पहुंचाने के लिये कृषि क्षेत्र में शिक्षा को व्यापक महत्व दे रहा है.’’ उन्होंने कहा कि भारत को अपने पारंपरिक कृषि ज्ञान पर गौरव है और इसे प्रौद्योगिकी के सहयोग से आगे बढ़ाया जायेगा, ताकि किसानों की आय को बढ़ा पाना सुनिश्चित हो सके.

प्रधानंमत्री ने समीक्षा के दौरान क्लस्टर आधारित रणनीति पर जैविक और प्राकृतिक कृषि प्रक्रियाओं को अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया.

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बयान में कहा गया कि आईसीएआर ने भू-संदर्भित ऑर्गनिक कार्बन मैप ऑफ इंडिया विकसित किया है तथा 88 जैव नियंत्रक घटकों और 22 जैव उर्वरकों की पहचान की है, जिनसे जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जा सकता है.

First published: July 6, 2020, 12:00 AM IST





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