शातिर बुद्धि का इस्तेमाल
वैसे भी उसके दुर्दांत दुस्साहस ने विकास को इतना तो मशहूर कर ही दिया है कि नाम से उसे पहचान लिया जाए. इस अपराधी के शातिर होने की गवाही इसकी कार्यशैली से मिल ही चुकी है. ये अपराधी हर पार्टी के नेता और तमाम बड़े अधिकारियों के संपर्क में था. इसकी तमाम तस्वीरें मीडिया और सोशल साइटों पर हैं. कहीं इसी शातिर बुद्धि का इस्तेमाल करके विकास दुबे ने महाकाल पहुंचने की योजना तो नहीं बनाई. उसे ये भी पता था कि महाकाल मंदिर परिसर के आसपास हर तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे. अगर उसे निहत्था मारने की कोशिश भी की जाती तो कैमरों में सब कुछ रिकॉर्ड हो जाता.
यूपी पुलिस से भाग रहा था
दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ दिल्ली, हरियाणा और कहा जा सकता है कि राजस्थान पुलिस भी बहुत सतर्क थी. हथियारबंद पुलिस वाले उसकी तलाश कर रहे थे. लेकिन उज्जैन जैसी जगह पर उसके पहुंचने की बहुत अधिक संभावना किसी को रही हो, इस पर सवाल है. उसे चिंता ये थी कि उत्तर प्रदेश पुलिस कहीं भी उसे पकड़ेगी तो बहुत अधिक संभावना थी कि उसे गोली मार देती. पुलिस के जवान आखिर आठ पुलिस वालों की हत्या से गुस्से में थे ही.
राजधानी का भी चक्कर लगायाइसी से बचने के लिए वो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चक्कर लगा रहा था. उसे लग रहा था कि दिल्ली पुलिस बिना मुठभेड़ के गोली मारने से गुरेज करेगी. माना जा रहा है कि इसी कारण से वो फरीदाबाद में शरण लेने की कोशिश कर रहा था. बुधवार को ये चर्चा थी कि वो पुलिस की गोलियों से बचने के लिए मीडिया के कैमरों की शरण ले सकता है. इस वजह से फिल्म सिटी जहां सारे चैनलों के दफ्तर हैं, वहां पुलिस ने खास चौकसी लगा रखी थी. इसी दरम्यान किसी ने उसे ग्रेटर नोएडा में देखने का दावा किया था.
8 पुलिस वालों के हत्यारे को सिपाहियों ने ‘पकड़ा’
बहरहाल जो भी हो, विकास दुबे अपनी जान बचाने में सफल हो गया. एक अपराधी जिसने उत्तर प्रदेश पुलिस के एक गजेटेड ऑफिसर समेत आठ पुलिस वालों की हत्या कर दी थी उसे मंदिर की सुरक्षा में लगे कुछ निहत्थे से दिखने वाले सिपाहियों और गार्डों ने कथित तौर पर पकड़ लिया.
First published: July 9, 2020, 11:08 AM IST