व‍िकास दुबे जैसे गैंगस्‍टरों की असली कहानी पर हमेशा लट्टू होता रहा है स‍िनेमा | ujjain – News in Hindi

व‍िकास दुबे जैसे गैंगस्‍टरों की असली कहानी पर हमेशा लट्टू होता रहा है स‍िनेमा | ujjain – News in Hindi


गैंगस्‍टर व‍िकास दुबे को पुल‍िस ने उज्‍जैन से ग‍िरफ्तार कर ल‍िया है.

2 से 9 जुलाई तक कानपुर शूटआउट (Kanpur Shootout) के मास्‍टर माइंड गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) और यूपी पुलिस के बीच चली एंकाउंटर से लेकर आरोपी को दबौचने तक की पूरी घटना किसी फिल्‍मी कहानी से कम नहीं लगती. लेकिन जहां इस गैंगस्‍टर की रीयल लाइफ कहानी पर लोगों में गुस्‍सा है, वहीं पर्दे पर ऐसे ही गैंगस्‍टरों की कहानी, फिल्‍म बनाने के लिए न‍िर्देशकों को और फिल्‍म देखने के लिए दर्शकों को लुभाता रहा है.

नई दिल्‍ली. कानपुर शूटआउट (Kanpur Shootout) का मास्‍टर माइंड गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) आखिरकार पुलिस की ग‍िरफ्त में आ ही गया. 2 जुलाई को 8 पुलिस वालों को मौत के घाट उतारने के बाद से व‍िकास दुबे फरार था और आज सुबह उज्‍जैन के महाकाल मंदिर से पुलिस ने 5 लाख ईनाम वाले इस गैंगस्‍टर को ग‍िरफ्तार कर ल‍िया है. व‍िकास की ग‍िरफ्तारी से पहले यूपी पुलिस ने इस मामले के कई और आरोपियों को एंकाउंटर में मार ग‍िराया है. 2 तारीख से 9 तारीख तक व‍िकास दुबे और यूपी पुलिस के बीच चली एंकाउंटर से लेकर आरोपी को दबौचने तक की पूरी वारदात किसी फिल्‍मी कहानी से कम नहीं लगती है. लेकिन जहां व‍िकास दुबे जैसे गैंगस्‍टर की ये रीयल लाइफ कहानी लोगों में गुस्‍से का सबब बनी हुई है, वहीं पर्दे पर कई बार ऐसे ही गुंडों, गैंगस्‍टर की देसी कहानी, जातीय समीकरण, स्‍थानीय राजनीति और पुल‍िस का म‍िला-जुला खेल फिल्‍म बनाने के लिए न‍िर्देशकों को और फिल्‍म देखने के लिए दर्शकों को लुभाता रहा है.

व‍िकास दुबे प‍िछले 19 सालों से उत्तर प्रदेश में अपराध की दुनिया का सरगना बना बैठा है. यूपी के अलग-अलग थानों में इस एक अपराधी के ख‍िलाफ हत्‍या के 60 से ज्‍यादा मामले दर्ज हैं. कई बड़े हत्‍या-कांडों में नाम होने के बाद भी ये शख्‍स बहुजन समाज पार्टी से ज‍िला पंचायत का सदस्‍य और अध्‍यक्ष भी बन चुका है. इस पूरे मामले पर जानकारों का मानना है कि व‍िकास ने अपराध की दुनिया में धीरे-धीरे जातीय समीकरण को जोड़ना शुरू कर द‍िया और वह सफल भी रहा है. व‍िकास दुबे की इस अपराध से राजनीति और फ‍िर बाहुबली होने की कहानी फिल्‍मी पर्दे पर इससे पहले भी कई बार देखी हुई सी लगती है.

जातीय समीकरण, राजनीति और अपराध का ‘पाताललोक’

पढ़ने के लिए क्लिक करें





Source link