शिवराज मंत्रिमंडल में ८ दिन बाद भी पोर्टफोलियो का बंटवारा नहीं
अब यह कयास लग रहे हैं कि विभागों को लेकर सिंधिया (scindia) और शिवराज (shivraj) के बीच अभी भी पेच फंसा हुआ है.
इतना ही नहीं शिवराज कैबिनेट का वक़्त 2 बार तय होने के बाद भी निरस्त हो चुका है. पहले कैबिनेट की बैठक गुरुवार को सुबह 10.30 बजे होनी थी लेकिन इसका समय बदलकर शाम 5 बजे किया गया लेकिन बाद में शाम 5 बजे भी कैबिनेट बैठक को निरस्त कर दिया गया. अगली बैठक कब होगी इसका समय भी अब तक नहीं तय हुआ है.
दिल्ली दौरे में भी नहीं बनी बात
दसअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 3 दिन के दिल्ली दौरे पर गए थे वहां उनकी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हुई थी. यह माना जा रहा था कि इन सभी नेताओं से मुख्यमंत्री ने विभागों के बंटवारे के सिलसिले में चर्चा की और भोपाल लौटने के तुरंत बाद वह विभागों का बंटवारा कर देंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं..और अब यह कयास लग रहे हैं कि विभागों को लेकर सिंधिया और शिवराज के बीच अभी भी पेच फंसा हुआ है.क्या है वजह ?
2 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में 28 मंत्रियों ने शपथ ली थी. इनमें से 9 मंत्री सिंधिया खेमे के तीन मंत्री कांग्रेस से आए हुए. जबकि बाकी बीजेपी के थे. 28 में से 20 मंत्री कैबिनेट स्तर के जबकि आठ मंत्रियों को राज्यमंत्री बनाया गया है. यह माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया यह चाहते हैं कि सरकार में मलाईदार डिपार्टमेंट उनके समर्थक मंत्रियों को दिए जाएं. जबकि शिवराज सिंह चौहान ऐसे डिपार्टमेंट अपने खेमे के मंत्रियों को देना चाहते हैं. यही वजह है कि फैसला दिल्ली पर छोड़ा गया है.
मौजूद मंत्रियों के विभागों पर भी खतरा ?-शिवराज मंत्रिमंडल में 28 मंत्री बनाए जाने से पहले 5 मंत्री शामिल थे. इनमें से सिंधिया खेमे के दो मंत्री हैं. अब यह माना जा रहा है कि नए सिरे से जब सभी 33 मंत्रियों में विभागों का बंटवारा किया जाएगा तो फिर हो सकता है कि पहले से शामिल मंत्रियों के विभागों में भी कुछ फेरबदल किया जाए. सूत्रों की मानें तो विभागों के बंटवारे में देरी की एक वजह यह भी है क्योंकि पहले के मंत्री अपने विभागों को नहीं छोड़ना चाहते.