उज्जैन से लेकर निकली यूपी एसटीएफ की टीम ने विकास दुबे को कानपुर के पास मुठभेड़ में ढेर कर दिया
गैंगस्टर विकास दुबे (Vikash Dubey) की गिरफ्तारी से लेकर एनकाउंटर (Encounter) तक पर मध्य प्रदेश पुलिस (MP Police) ने चुप्पी साध ली है. हालांकि विपक्ष कई सवालों का जवाब पुलिस से चाह रहा है.
विपक्ष उठा रहा सवाल
हालांकि इस पूरे प्रकरण में जो सवाल उठ रहे हैं, वो एमपी की कानून और सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं. यही कारण है कि अब विपक्ष से लेकर सरकार के ही नेता सवाल खड़े कर रहे हैं. सवाल है कि आखिर एमपी ही क्यों? उज्जैन ही क्यों? इसके पहले भी पुराने भोपाल में एक आतंकी को शरण मिली थी. और सतना से आईएसआई का एजेंट पकड़ा गया था. ऐसे कुख्यात अपराधियों के तार एमपी से ही क्यों जुड़ रहे हैं? कौन इन्हें मदद पहुंचा रहा है? क्या माफिया डॉन, आतंकी और विकास दुबे जैसे अपराधियों के लिए वाकई महफूज़ जगह बन गया है एमपी? कई ऐसे और सवाल हैं, जिनका जवाब पुलिस अधिकारी भी नहीं दे पा रहे हैं. बस पुलिस अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त है.
विकास दुबे प्रकरण में एमपी पुलिस के सामने ये हैं 5 बड़े सवाल 1- पुलिस के अलर्ट पर होने के बावजूद विकास दुबे एमपी में कैसे प्रवेश किया?
2-एमपी के कई जिलों से निकला, लेकिन चेकिंग व्यवस्था होने के बाद भी क्यों नहीं पकड़ा गया?
3- एमपी में विकास दुबे सफर करता रहा, लेकिन इंटेलिजेंस को क्यों नहीं मिला इनपुट?
4- महाकाल मंदिर परिसर में प्रवेश के दौरान पुलिसकर्मियों ने विकास दुबे को क्यों नहीं पकड़ा?
5-विकास दुबे के संपर्क में रहने वाले बदमाशों और मददगारों की क्यों नहीं की गई निगरानी?