Breaking congress MLA Pradyuman Singh Lodhi Join BJP in Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan | कांग्रेस के तब 22 विधायकों को बेंगलूर में रखा गया था, 19 सिंधिया समर्थक, तो 3 शिवराज के करीबी थे, दिग्विजय को हिरासत में तक लिया था

Breaking congress MLA Pradyuman Singh Lodhi Join BJP in Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan | कांग्रेस के तब 22 विधायकों को बेंगलूर में रखा गया था, 19 सिंधिया समर्थक, तो 3 शिवराज के करीबी थे, दिग्विजय को हिरासत में तक लिया था


  • मप्र कांग्रेस ने 16 विधायकों को बेंगलूर में भाजपा पर बंधक बनाकर रखने के आरोप लगाए थे
  • 23 मार्च को विधायकों ने दिए थे इस्तीफा, 2 जुलाई को मप्र सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ

दैनिक भास्कर

Jul 12, 2020, 02:43 PM IST

भोपाल. मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही सियासी ड्रामा जारी है। पहले नाटकीय अंदाज में कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा देकर भाजपा में 23 मार्च को शामिल हो गए थे। इनमें 19 सिंधिया समर्थक और 3 शिवराज सिंह के करीब थे। उन्हें बेंगलूर में रखा गया था। कांग्रेस भी अपने विधायकों को लेकर राजस्थान चली गई थी। इसके बाद भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। करीब एक सप्ताह के पॉलीटिकल ड्रामे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट के पहले ही इस्तीफा दे दिया था। इससे भाजपा ने अपनी सरकार बना ली थी। इसके बाद मंत्री पद को लेकर उठापटक होती रही। बाद में कुल पांच लोगों को मंत्री बना दिया गया था। भोपाल से लेकर ग्वालियर और दिल्ली तक कई दौर की बैठकों के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो सका। इसमें सबसे अधिक सिंधिया समर्थक हैं। प्रद्युम्न के इस्तीफा देने के बाद अब कांग्रेस के विधायकों के दामन छोड़ने की संख्या 23 हो गई है। 

अपनी-अपनी पार्टी वाली सरकारों के राज्य में विधायकों को रखा गया

प्रदेश का सियासी ड्रामा गुड़गांव से 5 मार्च को बेंगलुरु शिफ्ट हो गया था। 10 में से 6 विधायक समाजवादी पार्टी के राजेश शुक्ला (बब्लू), बीएसपी के संजीव सिंह कुशवाह, कांग्रेस के ऐंदल सिंह कंसाना, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव और बीएसपी से निष्काषित रामबाई भोपाल लौट आए थे। चार विधायक कांग्रेस के बिसाहूलाल, हरदीप सिंह डंग, रघुराज कंसाना और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा को बेंगलुरु के वाइटफील्ड स्थित बंगलों में चारों विधायकों को ठहराया गया था। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि उनकी सरकार पहले ही फ्लोर टेस्ट में 4 बार बहुमत साबित कर चुकी है और बीजेपी को हरा चुकी है। इस बार भी वे हारेंगे।

3 दिग्विजय, एक सिंधिया कैंप का विधायक
जो 6 विधायक लौटे थे, उनमें से 3 कांग्रेस और 2 बीएसपी और एक एसपी विधायक थे। इनमें से 3 दिग्विजय के करीबी और बाकी दो विधायक मंत्री न बनाए जाने से नाराज थे, जबकि एक विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के थे। उस समय कमलनाथ सरकार के कुल 14 विधायकों के नाराज चलने की बात सामने आई थी।

वापस आए विधायकों से पूछताछ तक की गई थी
दिल्ली से वापस लाए गए सभी 6 विधायकों को एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री निवास ले जाया गया था। मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने उनसे मुलाकात की। इससे पहले कमलनाथ ने मुख्यमंत्री आवास में अन्य कांग्रेस विधायकों से चर्चा करके पूछा कि कहीं उन्हें भी तो खरीदने की कोशिश नहीं हुई। बीजेपी ने कहा था कि कमलनाथ सरकार संकट में है अभी 15 और विधायक उनके संपर्क में है।

सुप्रीम कोर्ट तक गई थी कांग्रेस पार्टी
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश कांग्रेस के बागी विधायकों से न्यायाधीशों के चैंबर में मुलाकात करने की पेशकश ठुकरा दी थी। उन्होंने टिप्पणी की थी कि विधानसभा जाना या नहीं जाना उनपर (विधायकों) निर्भर है, लेकिन उन्हें बंधक बनाकर नहीं रखा जा सकता। न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के इस्तीफे की वजह से मध्य प्रदेश में उत्पन्न राजनीतिक संकट को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की थी। पीठ ने कहा कि वह विधानसभा द्वारा यह निर्णय करने के बीच में नहीं पड़ेगी कि किसके पास सदन का विश्वास है, लेकिन उसे यह सुनिश्चित करना है कि ये 16 विधायक स्वतंत्र रूप से अपने अधिकार का इस्तेमाल करें।

विधायकों से मिलने की कोशिश में दिग्विजय सिंह को हिरासत लिया था
मध्य प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह ने 19 मार्च को प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर उन्हें विधायकों से ना मिलने देने का आरोप लगाया था। दिग्विजय ने कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार के साथ विधायकों से मिलने के लिए शीर्ष पुलिस अधिकारियों से मुलाकात भी की। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर विधायकों से मिलने के उनके प्रयासों में बाधा डालने का आरोप भी लगाया थे। मध्य प्रदेश में कांग्रेस से बागी हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 22 विधायक 10 दिन से बेंगलुरु में थे।



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