MP के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा, फर्जी लिस्ट हुई वायरल तो CMO को करना पड़ा खंडन | bhopal – News in Hindi

MP के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा, फर्जी लिस्ट हुई वायरल तो CMO को करना पड़ा खंडन | bhopal – News in Hindi


भोपाल. मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) के एक हफ्ते से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी मंत्रियों को उनके विभाग आवंटित नहीं किए गए हैं. इसको लेकर लगातार राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है. इस बीच आज सोशल मीडिया पर अचानक ही खबर आई कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया है. इस ऐलान के बाद एक लिस्ट भी वायरल हुई, जिसमें बाकायदा मंत्रियों के नाम और संबंधित विभागों का ब्योरा था. सोशल मीडिया पर मंत्रियों के विभाग आवंटन की फर्जी वायरल लिस्ट पर चर्चाएं सरगर्म होने लगीं तो आखिरकार सरकार को इसमें दखल देना पड़ा. मुख्यमंत्री कार्यालय से इस बाबत जानकारी दी गई कि सोशल मीडिया पर मंत्रियों के विभाग आवंटन की लिस्ट फर्जी है. बाद में यह जानकारी भी सामने आई कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज शाम तक मंत्रियों के विभाग के बंटवारे पर फैसला ले सकते हैं.

यह है फर्जी वायरल लिस्ट
1- श्री जगदीश देवड़ा ऊर्जा मंत्री
2- बिसाहूलाल सिंह पशुपालन मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विभाग3- बृजेंद्र प्रताप सिंह को लोक निर्माण एवं विधि
4- विश्वास सारंग सहकारिता, गैस राहत एवं धर्मस्व

5- इमरती देवी महिला एवं बाल विकास
6- यशोधरा राजे सिंधिया उद्योग
7- भूपेंद्र सिंह वित्त एवं वाणिज्य कर
8- एंडल सिंह कंसाना को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम
9- प्रभु राम चौधरी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
10- महेंद्र सिंह सिसोदिया श्रम संस्कृति एवं पर्यटन

11- प्रद्युमन सिंह तोमर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति
12- प्रेम सिंह पटेल खनिज साधन
13- ओमप्रकाश सकलेचा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
14- उषा ठाकुर नगरीय प्रशासन
15- अरविंद भदौरिया उच्च शिक्षा खेल एवं युवक कल्याण

शिवराज कैबिनेट से कम नाम हैं वायरल लिस्ट में
शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या कुल मिलाकर 33 है. इसमें से 5 मंत्रियों को पहले ही विभाग आवंटित किए जा चुके हैं. 2 जुलाई को जिन 28 लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली है, उनमें से सभी लोगों के नाम आज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही लिस्ट में शामिल नहीं हैं. वायरल लिस्ट में 15 लोगों के नाम शामिल किए गए हैं, जिन्हें कथित तौर पर मंत्री बनाया गया है. लेकिन अब जबकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय से ही वायरल लिस्ट को फर्जी करार दिया गया है, उसके बाद सारे कयासों को विराम लग गया है.





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