- रक्तमित्र नहीं पहुंचा रहे डोनर, बोले : हमसे कई डोनर जुड़े हैं, यदि कोई संक्रमित हो गया तो जवाबदार कौन
दैनिक भास्कर
Jul 12, 2020, 04:09 AM IST
रतलाम. हमारे शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की डायलिसिस तो हो रही है, लेकिन जिम्मेदारों ने इसकी व्यवस्था जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में ही कर दी है। नतीजतन, अब रक्त मित्रों के साथ ही रक्तदाताओं में डर का माहौल है। कई रक्तदाता तो अस्पताल में रक्तदान करने भी नहीं जा रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज को कोविड अस्पताल बनाया गया है, ताकि, कोरोना मरीजों को लोगों से दूर रखा जा सके। लेकिन, डायलिसिस के लिए मरीजों को मेडिकल कॉलेज से जिला अस्पताल लाया जा रहा है। इससे रक्तदाता नाराज हैं। रक्तदाताओं का कहना है कि इससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है। इसकी शिकायत उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की जेडी को भी की थी, उन्होंने भी इसे नियमों के खिलाफ बताया था।
पहली बार दूसरी जगह लगाया रक्तदान शिविर
एमआर यूनियन से जुड़े अश्विनी शर्मा ने बताया एमआर यूनियन 2004 से जिला अस्पताल में ही रक्तदान शिविर लगाता है। लेकिन, यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों की डायलिसिस करने लगे हैं। इससे संक्रमण का खतरा है। 16 साल में पहली बार ऐसा हुआ है, जब हमने जून में एमआर रेस्ट हाउस में शिविर लगाया। मैंने खुद जीवन में पहली बार किसी अन्य ब्लड बैंक में रक्तदान किया। हमने जेडी से शिकायत की थी, उन्होंने इसे नियमों के विरुद्ध बताया था, अधिकारियों को अन्य जगह व्यवस्था करने का कहा था। बावजूद, कोई असर नहीं है।
1500 डोनर जुड़े, संक्रमण का खतरा
रक्तदान जीवनदान ग्रुप के दिलीप भंसाली ने बताया कि हमसे करीब 1500 रक्तदाता जुड़े हुए हैं। जो लगातार किसी को जरूरत होने पर रक्तदान करते रहते हैं। रिफ्रेशमेंट रूम के पास डायलिसिस मशीन लगा दी है। रक्त रखने का फ्रीजर वहां से कुछ दूर ही रखा है। साथ ही यहां पर स्टाफ भी आता-जाता रहता है। इससे संक्रमण का खतरा है। मैंने जून महीने में कोई भी डोनर नहीं भेजा है। दु:ख है, लेकिन संक्रमण हो गया तो जवाबदार कौन होगा।
रक्तदाता ही मना कर रहा, मैं नहीं जाऊंगा
रक्तमित्र राजेश पुरोहित ने बताया मुझसे 500 से 800 रक्तदाता जुड़े हैं। जो, जरूरत होने पर एक-दूसरे को मैसेज करते हैं। एक दिन पहले एक केस में बी-निगेटिव रक्त की जरूरत थी। हमने रक्तदाता को कहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उनका कहना था कि मैं सिविल में नहीं जाऊंगा। अभी हमने रक्त कैंप भी बंद कर दिए हैं। कोरोना पॉजिटिव की डायलिसिस ब्लड बैंक में करना गलत है। हमने शिकायत भी की है।
बहुत ज्यादा इमरजेंसी केस में ही पहुंचा रहे
रक्तमित्र सुनिल गोयल ने बताया बहुत ज्यादा इमरजेंसी केस होने पर ही हम रक्तदाता को पहुंचाते हैं। जैसे कुछ दिन पहले सरवन की पैशेंट प्रतिभा को एमसीएच में ब्लीडिंग ज्यादा होने से इमरजेंसी थी, उन्हें गोलू राजपूत ने रक्त दिया। संगीता बाई का ऑपरेशन होना था, डोनर नहीं मिल रहे थे। उन्हें आदित्य ने रक्त दिया। अभी शिवपुर, बरबोदना, मड़ावदा के कैंप पेंडिंग है। संक्रमण का डर है।
ब्लड बैंक में रोज 30 से 35 यूनिट का होता है आदान-प्रदान
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रोज 30 से 35 यूनिट का आदान प्रदान होता है। हालांकि, अलग-अलग जगहों पर शिविर लगाकर प्रबंधन रक्त का इंतजाम करता है। मौजूदा स्थिति में अस्पताल में 112 यूनिट से ज्यादा रक्त मौजूद है। शनिवार को एक शिविर भी लगा। इधर, रेयर ब्लड ग्रुप वाले केस में समस्या होती है। इस दौरान रक्तदाताओं की इमरजेंसी में जरूरत होती है।