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- Sachin Tendulkar Asked The ICC To Consider Doing Away With The Provision Of The Umpire’s Call When A Team Opts For A Review For An Lbw Decision
10 दिन पहले
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सचिन तेंदुलकर ने कहा कि डीआरएस में ऑन फील्ड अंपायर का फैसला तभी बदला जा सकता है, जब गेंद का 50 फीसदी हिस्सा स्टंप्स से टकराता दिखे, जो सही नहीं है। -फाइल
- सचिन तेंदुलकर ने आईसीसी से एलबीडब्ल्यू के मामले में अंपायर कॉल के प्रावधान को हटाने पर विचार करने को कहा है
- हरभजन सिंह ने भी सचिन की सलाह पर सहमति जताते हुए कहा- अगर गेंद स्टंप्स को छूकर भी निकल रही है, तो बल्लेबाज को आउट देना चाहिए
पूर्व भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने शनिवार को कहा कि एलबीडब्ल्यू के मामले में अगर डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) में गेंद स्टंप्स से टकराती दिखे, तो फिर बल्लेबाज को आउट देना चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि गेंद का कितना फीसदी हिस्सा स्टंप्स से टकरा रहा है।
सचिन के मुताबिक, अगर गेंद स्टंप्स पर लग रही है, तो फिर ऑन फील्ड अंपायर के फैसले की परवाह किए बिना बल्लेबाज को आउट देना चाहिए।
What % of the ball hits the stumps doesn’t matter, if DRS shows us that the ball is hitting the stumps, it should be given out, regardless of the on-field call. That’s the motive of using technology in Cricket. As we know technology isn’t 100% right but neither are humans.#ENGvWIpic.twitter.com/8At80AtRs5
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) July 11, 2020
आईसीसी अंपायर कॉल के प्रावधान को हटाने के बारे में सोचे: सचिन
उन्होंने डीआरएस के मामले में वेस्टइंडीज के पूर्व बल्लेबाज ब्रायन लारा के साथ हुई चर्चा का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इसमें सचिन ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) से एलबीडब्ल्यू के मामले में अंपायर कॉल के प्रावधान को हटाने पर विचार करने के लिए भी कहा है।
डीआरएस के मामले में आईसीसी से सहमत नहीं सचिन
उन्होंने कहा कि मैं डीआरएस के मामले में आईसीसी से सहमत नहीं हूं। खासतौर पर एलबीडब्ल्यू के मामले में। डीआरएस में ऑन फील्ड अंपायर का फैसला तभी बदला जा सकता है, जब गेंद का 50 फीसदी हिस्सा स्टंप्स से टकराता दिखे, जो सही नहीं है। क्योंकि गेंदबाज या बल्लेबाज तभी ऑन फील्ड अंपायर के फैसले के खिलाफ रिव्यू लेते हैं, जब वे इससे संतुष्ट नहीं होते हैं।
गेंद स्टंप्स छूकर भी निकले तो बल्लेबाज को एलबीडब्ल्यू देना चाहिए
ऐसे में जब थर्ड अंपायर के पास मामला जाता है, तो फिर टेक्नोलॉजी से ही नतीजा तय होना चाहिए। जैसा टेनिस में होता है कि या तो गेंद कोर्ट के अंदर है या बाहर। इसमें बीच जैसी कोई स्थिति नहीं होती है। उन्होंने कहा कि अगर गेंद सिर्फ स्टंप्स को छूकर भी निकल जाए, तो भी फैसला गेंदबाज के हक में होना चाहिए।
हरभजन ने भी सचिन की सलाह को सही ठहराया
तेंदुलकर ने आगे कहा कि क्रिकेट में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल करने का मकसद ही यही है। जैसा कि हमें मालूम है कि न तो टेक्नोलॉजी और न ही इंसान 100 फीसदी सही हैं। हरभजन सिंह ने भी सचिन से सहमति जताई है।
हरभजन ने कहा कि पाजी मैं आप से 100 फीसदी सहमत हूं। अगर गेंद स्टंप्स को छूकर भी निकल रही है, तो भी बल्लेबाज को एलबीडब्ल्यू देना चाहिए। फिर इससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि गेंद का कितना फीसदी हिस्सा विकेट से टकराया। ऐसे में खेल की बेहतरी के लिए नियमों में बदलाव होना चाहिए।
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