बीजेपी में इन दिनों सियासी माहौल बदला बदला सा है. कांग्रेस से दल बदल कर बीजेपी में आने वाले नेता अब पार्टी नेताओं के साथ संबंधों को बेहतर बनाने में लगे हैं. राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता बन चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया आज पूर्व सीएम और बीजेपी नेता उमा भारती से मिलने उनके घर गए. उमा भारती से उपचुनाव में जीत का आशीर्वाद लिया. बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया की उमा भारती से उनके घर पर यह पहली मुलाकात थी. उमा भारती ने भी मंत्र उच्चारण के साथ उनका स्वागत किया. दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में करीब 20 मिनट तक चर्चा हुई. ज़ाहिर है उप चुनाव सिर पर हैं तो बात चुनाव की ही रही.
लोधी वोट बैंक पर नज़र
खबर इस बात को लेकर है कि ग्वालियर चंबल इलाके में लोधी समाज के नेताओं के साथ भी दोनों नेताओं की चर्चा हुई. बीजेपी की कोशिश है कि 25 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में उन सीटों पर जहाँ,लोधी फैक्टर असरदार है, वहां लोधी नेताओं के सहारे माहौल बनाया जाए. उमा भारती लोधी वर्ग से आती हैं और अपने समाज में उनकी अच्छी पैठ है. उमा भारती की पहल पर ही बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी कांग्रेस से दल बदल कर बीजेपी में शामिल हुए हैं. इसी के जरिए बीजेपी बुंदेलखंड समेत ग्वालियर, चंबल मालवा, इलाके के लोधी वोटों को साधने की कोशिश में है. हालांकि उमा भारती से अपनी मुलाकात पर सिंधिया ने कहा- पार्टी नेता होने के नाते उनका आशीर्वाद लेने आया हूं.
उमा ने दिया जगमग होने का मंत्र
ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात पर उमा भारती ने कहा सिंधिया को उन्होंने उप चुनाव में प्रचंड जीत के लिए आशीर्वाद दिया है. उमा सिंधिया परिवार से मेरा पुराना रिश्ता रहा है. राजमाता सिंधिया से उनके बेहतर रिश्ते थे. प्रदेश में चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या फिर बीजेपी की. ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनका हमेशा संपर्क रहा है. उपचुनाव में जीत के लिए सिंधिया को उन्होंने आशीर्वाद दिया है. उमा भारती ने कहा कि उपचुनाव में ज्योतिरादित्य अपने नाम की तरह प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी जगमग होंगे.
कमलनाथ से मिले बुंदेलखंड के 2 विधायक
उमा भारती की पहल पर लोधी विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी के बीजेपी में शामिल होने पर कांग्रेस अलर्ट मोड पर आ गई है. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने प्रद्युम्न सिंह लोधी के रिश्तेदार दमोह विधायक राहुल सिंह और बंडा विधायक तरवर सिंह लोधी को बुलाकर चर्चा की. खबर इस बात को लेकर कि दोनों विधायकों ने कांग्रेस पार्टी में रहने का भरोसा दिलाया है. लेकिन प्रदेश की सियासत में सक्रिय उमा भारती और उनकी पहल पर कांग्रेस विधायकों के दल बदलने से कांग्रेस के लिए अब अपने विधायकों को साध कर रखना एक बड़ी चुनौती बन गया है.