खेल न होने के कारण दीप घर लौट आए हैं और अब सब्जी बेच रहे हैं (सांकेतिक फोटो )
नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण देश में खेल गतिविधियां पूरी तरह से ठप्प हैं और इस कारण कई खिलाड़ी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. देश के 131 साल पुराने फुटबॉल क्लब मोहन बागान (Mohun Bagan) जूनियर एकेडमी के एक उभरते फुटबॉलर पर कोरोना की मार ऐसी पड़ी कि उसे सड़क पर सब्जी बेचने को मजबूर होना पड़ा.
मोहन बागान फुटबॉल क्लब के जूनियर फुटबॉलर दीप बाग को अपने पैशन को एक तरफ रखकर सड़क पर उतरना पड़ा. पश्चिम बंगाल के इस 20 साल के खिलाड़ी का परिवार बंगाल में लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और यह खिलाड़ी अपने परिवार का पेट भरने के लिए संघर्ष कर रहा है. दीप दुर्गापुरा मोहन बागान अंडर 19 एकेडमी में ट्रेनिंग करते थे और पिछले सीजन तक स्टॉपर के रूप में खेले. उन्हें एकेडमी में रहने के दौरान एक हजार रुपये का भत्ता मिलता था. इस भत्ते और उनके 68 साल के पिता की कमाई से परिवार चलता था.
खेल न होने के कारण घर लौटना पड़ा
कोरोना वायरस के कारण खेल इवेंट न होने के कारण दीप को मजबूरन घर लौटना पड़ा. उनके पिता रिक्शा खींचने का काम करते थे, मगर वह अब बीमार चल रहे हैं. परिवार को मुश्किल में देख इस खिलाड़ी ने गलियों में सब्जी बेचना शुरू कर दिया.
परिवार को दो वक्त का खाना खिलाने के लिए संघर्ष
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए दीप ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उनके पिता बीमार हो गए और अब वह रिक्शा खींचने में सक्षम नहीं हैं. इसी वजह से उन्होंने सब्जी बेचने का फैसला किया. इस काम से वह अब अपने परिवार को दिन में दो वक्त का खाना तो खिला ही सकते हैं.
विवादित मैच का भी हिस्सा थे दीप
दीप मोहन बागान की उस टीम का हिस्सा थे, जिसने ईस्ट बंगाल के खिलाफ पिछले साल विवादित अंडर 19 फुटबॉल लीग का फाइनल मैच खेला था. दरअसल दर्शकों ने बोतल फेंकना शुरू कर दिया था. जिसके बाद दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया गया.