मंत्रियों के विभागों के बंटवारे में सिंधिया कैंप को दी गई 41 प्रतिशत हिस्सेदारी, BJP की कोशिश- खुश रहें ‘महाराज’ | bhopal – News in Hindi

मंत्रियों के विभागों के बंटवारे में सिंधिया कैंप को दी गई 41 प्रतिशत हिस्सेदारी, BJP की कोशिश- खुश रहें ‘महाराज’ | bhopal – News in Hindi


भोपाल. 11 दिन के इंतजार के बाद शिवराज सिंह मंत्रिमंडल (Shivraj Singh Cabinet) में शामिल 33 मंत्रियों के बीच आखिरकार विभागों का बंटवारा (Portfolio Distribution) कर दिया गया. रविवार देर रात जारी विभाग बंटवारे की सूची में सिंधिया खेमे के मंत्रियों को कई अहम विभाग दिए गए हैं. जबकि बीजेपी के कई बड़े नेताओं को छोटे या कम महत्व वाले विभाग से ही संतोष करने को मजबूर होना पड़ा है. सिंधिया कैंप के मंत्रियों को विभागों के बंटवारे में 41 फीसदी हिस्सेदारी दी गई है. मंत्रिमंडल से लेकर विभाग बंटवारे तक एक बात साफ है कि बीजेपी फिलहाल ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को हर तरफ से खुश करने में लगी है.

मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थक (Scindia Supporters) और कांग्रेस छोड़ कर आए 22 में से 14 विधायकों को मंत्री बनाया गया है. इनमें से सात से आठ बड़े विभाग इस खेमे में गए हैं. आपको बताते हैं कि आखिरकार वो कौन से महत्वपूर्ण विभाग हैं जो मंत्रिमंडल में अहम माने जाते हैं और सिंधिया के खेमे में गए हैं.

सिंधिया समर्थक और कांग्रेस छोड़ कर आए मंत्रियों को मिले विभाग
तुलसी सिलावट- जल संसाधन और मछुआ कल्याणबिसाहूलाल सिंह- खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण

हरदीप सिंह डंग- नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा
राजवर्धन सिंह दत्तीगांव- औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन
बृजेंद्र सिंह यादव- लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी राज्यमंत्री
गिर्राज दंडोतिया- किसान कल्याण तथा कृषि विकासराज्यमंत्री
सुरेश धाकड़- लोक निर्माण विभाग राज्य मंत्री
ओ.पी.एस भदौरिया- नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री

एदल सिंह कंसाना- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी
गोविंद सिंह राजपूत- राजस्व एवं परिवहन
इमरती देवी- महिला एवं बाल विकास
प्रभु राम चौधरी- स्वास्थ्य विभाग
महेंद्र सिंह सिसोदिया- पंचायत और ग्रामीण विकास
प्रद्युमन सिंह तोमर- ऊर्जा

राजस्व विभाग भी ज्योदिरादित्य सिंधिया के खाते में
विभागों के बंटवारे से पहले जारी सियासत में पूर्व मंत्री और कांग्रेस के नेता गोविंद सिंह ने यह मांग उठाई थी कि राजस्व विभाग सिंधिया खेमे को नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमीनों को लेकर गड़बड़ी के आरोप लगाए थे. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी राजस्व विभाग को लेकर सवाल उठाए कि आखिरकार सिंधिया राजस्व डिपार्टमेंट क्यों चाहते हैं? इन सारे आरोपों के बावजूद राजस्व विभाग भी सिंधिया खेमे में ही गया. विभागों के बंटवारे में गोविंद सिंह राजपूत को राज्य का राजस्व एवं परिवहन मंत्री बनाया गया है.





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