- सोम डिस्टलरीज के डायरेक्टर जगदीश अरोरा, उनके भाई अजय अरोरा और विनय सिंह को अदालत ने 24 जुलाई तक जेल भेजने के आदेश दिए थे
दैनिक भास्कर
Jul 14, 2020, 09:17 PM IST
भोपाल(कीर्ति गुप्ता). 188 करोड़ के सैनिटाइजर का निर्माण करने और उस पर निर्धारित 33 करोड़ रुपए कि जीएसटी जमा ना करने के मामले में जेल गए सोम डिस्टलरीज के डायरेक्टर जगदीश अरोरा उनके भाई अजय अरोरा और कंपनी के विनय सिंह अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। मंगलवार को मजिस्ट्रेट रोहित श्रीवास्तव की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अरोरा के वकील अजय गुप्ता ने तीनों आरोपियों की जमानत पर अपनी दलील पेश की। मजिस्ट्रेट रोहित श्रीवास्तव ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए तीनों आरोपियों की जमानत नामंजूर करते हुए लिखा है कि केस डायरी से साफ है कि आरोपियों ने 188 करोड़ रुपए का सैनिटाइजर अपनी फैक्ट्री में बनाया था और उनके द्वारा निर्धारित जीएसटी की राशि 33 करोड़ विभाग में जमा नहीं कराई गई।
वही अरोरा बंधुओं के वकील अजय गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जमानत पर दलील दी कि सोम ग्रुप की ओर से कोविड-19 शुरू होने के बाद से ही सैनिटाइजर का निर्माण किया जा रहा था। सोम ग्रुप में दो करोड़ रुपए जीएसटी में जमा कराए गए थे और इसके बाद भी 9 जुलाई को 6 करोड रूपए जीएसटी के खाते में जमा कराए गए हैं। सोम ग्रुप अब तक 8 करोड़ जीएसटी जमा कर चुका है। जीएसटी विभाग की ओर से कुल कितना टैक्स सोम ग्रुप को जमा कराना है इस संबंध में कोई भी जानकारी नहीं उनके पक्षकार को दी जा रही है। आरोपियों की उम्र और उनके स्वास्थ्य कारणों को देखते हुए जमानत दी जाए।
वहीं दूसरी ओर जीएसटी विभाग के वकील की ओर से आरोपियों की जमानत अर्जी पर आपत्ति करते हुए बताया गया कि आरोपी जगदीश अरोरा पुत्र मोहनलाल अरोरा, अजय अरोरा पुत्र मोहनलाल अरोरा विनय कुमार सिंह पुत्र सूर्य कुमार सिंह को धारा 157, 158, 190 दंड प्रक्रिया संहिता तथा 132 एवं सह पठित धारा 69 जीएसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश से 24 जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया था।
मामला एक नजर में
मालूम हो कि शराब कंपनी सोम डिस्टलरीज के संचालक जगदीश अरोरा और उनके भाई अजय अरोरा और विनय सिंह को सैनिटाइजर पर टैक्स चोरी के मामले में डायरेक्टर जनरल आफ जीएसटी इंटेलिजेंस ( जीजीआई) ने 28 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद बुधवार को गिरफ्तार किया था। बुधवार रात गिरफ्तारी के बाद अरोरा बंधुओं को जेपी अस्पताल ले जाया गया था जहां उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी और उन्हें आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा था।