MP : शिवराज के मंत्रियों के कामकाज पर कमलनाथ की शैडो कैबिनेट रखेगी नज़र | bhopal – News in Hindi

MP : शिवराज के मंत्रियों के कामकाज पर कमलनाथ की शैडो कैबिनेट रखेगी नज़र | bhopal – News in Hindi


MP : शिवराज के मंत्रियों के कामकाज पर कमलनाथ की शैडो कैबिनेट रखेगी नज़र

कांग्रेस (congress) ने पूछा-बीजेपी नेताओं (bjp leaders) को यह भी बताना चाहिए कि पूर्व की कमलनाथ सरकार में राजस्व, परिवहन, महिला और बाल विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति समेत स्वास्थ्य विभाग में हुई गड़बड़ियों की जांच किस स्तर पर होगी.

भोपाल. बीजेपी (BJP) के आरोपों का जवाब देने के लिए टीम कमलनाथ (kamalnath) तैयार है. कांग्रेस पार्टी शिवराज सरकार के मंत्रियों पर नजर रखने के लिए शैडो केबिनेट बनाने जा रही है. कांग्रेस सरकार (congress government) में रहे मंत्रियों और विधायकों को जिम्मेदारी दी जाएगी कि वो बीजेपी सरकार के मंत्रियों के कामकाज पर नज़र रखें.खासतौर से सिंधिया समर्थक मंत्रियों से तो नज़र ही न हटायी जाए.

कमलनाथ सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घिरी कांग्रेस अब शिवराज सरकार की घेराबंदी के लिए तैयार है. पीसीसी चीफ कमलनाथ के निर्देश पर शैडो कैबिनेट बनाने का फैसला हुआ है. कांग्रेस पार्टी के विधायक शिवराज सरकार के मंत्रियों के कामकाज की निगरानी करेंगे और तथ्यों के आधार पर गड़बड़ियों की जानकारी जनता के बीच रखेंगे.

राजस्व, स्वास्थ्य, परिवहन विभाग का दें हिसाब?
एक दिन पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि 15 महीने की सरकार ने मंत्रालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था. बस अब कांग्रेस सिंधिया के इस आरोप का जवाब देने के लिए तैयार है. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी निशाना साधते हुए कहा बीजेपी नेताओं को यह भी बताना चाहिए कि पूर्व की कमलनाथ सरकार में राजस्व, परिवहन, महिला और बाल विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति समेत स्वास्थ्य विभाग में हुई गड़बड़ियों की जांच किस स्तर पर होगी.

घेरने की तैयारी
उपचुनाव में उतरने के लिए तैयार बीजेपी और कांग्रेस हर एक मुद्दे के जरिए एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश में हैं. शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार में हुए काम की जांच के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर बनाया है. ये ग्रुप किसान कर्ज माफी के कई अहम फैसलों की पड़ताल कर रही है. ऐसे में कांग्रेस ने जवाबी प्लान तैयार करते हुए अब मौजूदा सरकार के कामकाज पर निगरानी रखने की तैयारी कर ली है. ताकि उप चुनाव से पहले सरकार के हर बड़े फैसले पर उसकी घेराबंदी की जा सके.





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