मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं. (File Photo)
Guna Viral Video Case: गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra)ने बताया कि सरकार ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और मामले में उच्च स्तरीय जांच (Investigation) के आदेश दे दिए गए हैं. मामले की जांच करने के लिए एक जांच दल भोपाल (Bhopal) से गुना भेजा जाएगा.
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने घटना पर दुख जाहिर करते हुए कहा है कि इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचा जाना चाहिए. पूरे मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई होगी. आपको बता दें कि मंगलवार को गुना के कैंट थाना इलाके के जगतपुर चक पर पुलिस अतिक्रमण हटाने पहुंची थी. इस दौरान जबर्दस्त हंगामा हो गया. सरकारी टीम के मुताबिक मॉडल कॉलेज के लिए आवंटित 20 बीघा जमीन पर कई वर्षों से अतिक्रमण कर खेती की जा रही थी. उसे हटाने के लिए पुलिस और राजस्व विभाग की टीम पहुंची थी, जिसका वहां मौजूद लोगों ने विरोध किया. पीड़ित किसान और उसकी पत्नी ने खड़ी फसल पर प्रशासन की जेसीबी चलती देख कीटनाशक दवा पी ली. पुलिस ने आज इसी मामले में एफआईआर दर्ज की है.
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क्या हुई कार्रवाई ?ज़मीन के लिए कीटनाशक दवा पीने वाले किसान और उसकी पत्नी के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. कैंट पुलिस ने इस मामले में कीटनाशक पीकर आत्महत्या की कोशिश करने को लेकर किसान रामकुमार अहिरवार, उसकी पत्नी सावित्री बाई, शिशुपाल अहिरवार समेत 7 अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. इन लोगों के खिलाफ पटवारी ने आवेदन दिया था, जिसमें सभी के ऊपर शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोप लगाए गए हैं. पुलिस ने इसी शिकायत के आधार पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
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विपक्ष ने उठाए सवाल
घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहां ले जा रही है ? ये कैसा जंगल राज है ? गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपत्ति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा इसतरह बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज. यदि पीड़ित युवक का ज़मीन सम्बंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे क़ानूनन हल किया जा सकता है, लेकिन इस तरह क़ानून हाथ में लेकर उसकी , उसकी पत्नी, परिजनों और मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई , यह कहां का न्याय है ? क्या यह सब इसलिए कि वो एक दलित परिवार से है , ग़रीब किसान है ? क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों व रसूख़दारों द्वारा क़ब्ज़ा की गयी हज़ारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिए भी शिवराज सरकार दिखाएगी ? ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई हो , अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी.