कोरोना संक्रमण के बीच mp विधानसभा का सत्र 20 जुलाई से शुरू हो रहा है
मध्य प्रदेश विधानसभा (MP Assembly) के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) की अधिसूचना जारी हो चुकी है. सत्र 20 जुलाई से 24 जुलाई तक केवल 5 दिन का होगा. कई विधायकों के COVID-19 पॉजिटिव होने के बाद सत्र को लेकर जताई जा रही चिंता.
मॉनसून सत्र से पहले यह सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं, क्योंकि इससे पहले मध्य प्रदेश में करीब आधा दर्जन विधायक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. कुछ विधायक ऐसे भी हैं जिनके स्टाफ भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिरकार जब गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक बाकी कामों और भीड़ इकट्ठा होने पर प्रतिबंध है, तो फिर माननीयों के लिए यह प्रतिबंध लागू क्यों नहीं होंगे ?
जारी हो चुकी है अधिसूचना
मध्य प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र की अधिसूचना जारी हो चुकी है. सत्र 20 जुलाई से 24 जुलाई तक केवल 5 दिन का होगा. सत्र के दौरान कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए विधानसभा सचिवालय ने कुछ नियमों में बदलाव किया है. इसके तहत सत्र के लिए विधायक ई-मेल से भी सूचनाएं भेज सकेंगे. शून्यकाल, ध्यानाकर्षण, अशासकीय संकल्प की सूचनाएं ई मेल से भेजी जा सकेंगी. विधानसभा सचिवालय ने वैकल्पिक तौर पर विधायकों को ये सुविधा दी है. बैठक व्यवस्था में भी सोशल डिस्टेंस का पालन कराया जाएगा.प्रोटेम स्पीकर ने जताई चिंता
COVID-19 संक्रमण के खतरे के बीच मॉनसून सत्र को लेकर न्यूज़ 18 ने मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा से बातचीत की. वे इस बात को लेकर चिंतित दिखे कि कोरोना में सत्र बुलाना चिंता की बात है. उन्होंने कहा इस बारे में वह सभी दल के प्रतिनिधियों से बैठक कर बातचीत करेंगे. वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने सेंट्रलाइज्ड एसी और विधायकों के कोरोना पॉजिटिव होने को लेकर चिंता जताई. शर्मा ने कहा कि सत्र की रणनीति के बारे में कोई भी फैसला विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ करेंगे.