इंदौर में कोरोना वायरस. (News18 क्रिएटिव)
जिलाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के नये उपाय के तौर पर इंदौर में कारोबारी संस्थानों के लिये “लेफ्ट-राइट” प्रणाली शुरू की गयी है. यानी एक दिन सड़क के दायीं ओर की दुकानें खोलने की अनुमति दी जा रही हैं और इसके दूसरे बायीं तरफ की दुकानों को खोले जाने की अनुमति प्रदान की जा रही है.
7,000 बिस्तर आरक्षित
सीएमएचओ ने बताया कि फिलहाल जिले में कोविड-19 के 1,443 मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जबकि इनके लिये अस्पतालों में कुल 7,000 बिस्तर आरक्षित हैं. उन्होंने बताया, “आने वाले दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के अनुमान के मद्देनजर हम अस्पतालों में इस महामारी के मरीजों के लिये 10,000 से ज्यादा बिस्तर आरक्षित रखने की तैयारी कर रहे हैं, इसके लिये अस्पतालों के प्रबंधन से चर्चा कर बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई जा रही है.”
288 मरीजों ने दम तोड़ाजड़िया ने बताया कि गुजरे चार महीने के दौरान जिले में 288 मरीज कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं, जबकि 4,175 लोग इलाज के बाद इस संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं. चश्मदीदों ने बताया कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन खत्म होने के बाद से 35 लाख से ज्यादा आबादी वाले जिले की सड़कों, सार्वजनिक स्थानों एवं कार्यस्थलों में लोगों की भीड़ दिखायी दे रही है. इसके मद्देनजर प्रशासन हाल के दिनों में पाबंदियों की डोर लगातार कस रहा है.
क्या बोले डीसी
जिलाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के नये उपाय के तौर पर इंदौर में कारोबारी संस्थानों के लिये “लेफ्ट-राइट” प्रणाली शुरू की गयी है. यानी एक दिन सड़क के दायीं ओर की दुकानें खोलने की अनुमति दी जा रही हैं और इसके दूसरे बायीं तरफ की दुकानों को खोले जाने की अनुमति प्रदान की जा रही है. सिंह ने दोहराया कि सरकारी कारिंदों को निगरानी के लिये हर जगह तैनात नहीं किया जा सकता और आम लोगों को अपने स्तर पर भी कोविड-19 से बचाव की पूरी सावधानी रखनी होगी. जिले में कोविड-19 के प्रकोप की शुरूआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी.