भोपाल में पुलिस मुख्यालय के बाहर एक सिपाही अनोखे अनशन पर बैठ गया
सिपाही मधुसूदन राठौड़ के मुताबिक मैदानी अमला बहुत तनाव में रहकर काम करता है. इसलिए उन जैसे सिपाहियों (Jawans) को सप्ताह में एक दिन की छुट्टी मिलनी चाहिए. पुलिस व्यवस्था (Policing) में सुधार की मांग को लेकर वह अनशन (Hunger Strike) पर बैठ गया
मधुसूदन के मुताबिक मैदानी अमला बहुत तनाव में रहकर काम करता है. इसलिए उसे कुछ रेस्ट मिलना चाहिए. जिससे ड्यूटी के दौरान आने वाले तनाव को दूर किया जा सके. इसके साथ ही आरक्षकों को उनके गृह जिले में भी ट्रांसफर मिलना चाहिए. जिससे वे ड्यूटी के साथ-साथ अपने परिजनों के सम्पर्क में भी रह सकें. उसने पुलिस क्वार्टर की जर्जर हालत पर भी चिंता जताई.
सूचना मिलते ही अधिकारियों ने हटाया
अपने इन्हीं मांगों को लेकर नव आरक्षक भोपाल पुलिस मुख्यालय के सामने आकर अनशन पर बैठ गया. उसने अनशन का वीडियो बनाकर सभी अफसरों के पास भेजा. जिसके बाद आला अफसर हरकत में आए और उसे तुरंत वहां से हटाया गया.जवान मधुसूदन ने कहा वह अंतिम सांस तक यहीं बैठना चाहते हैं, क्योंकि उनकी मांगों पर अधिकारी गौर नहीं करेंगे.
सेना और पुलिस को सबसे अनुशाषित बेड़ा माना जाता है. ऐसे में अनशन पर बैठने के बाद आरक्षक की मुश्किलें बढ़ना तय है.