गुना मामले में लगातार बीजेपी पर हमलावर कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि कांग्रेस हमेशा से दलितों के साथ खड़ी रही है. (सांकेतिक फोटो)
बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक, बीजेपी और कांग्रेस (BJP and Congress) दोनों ही दलित विरोधी पार्टी हैं. ऐसे में दलितों के विकास के लिए बीएसपी इस बार सभी 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में उम्मीदवार खड़ा करेगी.
बीएसपी के मुताबिक, गुना में दलित किसान परिवार के साथ हुई बर्बरता पूर्ण कार्रवाई और एक दलित युवक की मारपीट का मामला बीजेपी की मानसिकता को उजागर करता है. बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक, बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलित विरोधी पार्टी हैं. ऐसे में दलितों के विकास के लिए बीएसपी इस बार सभी 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में अपने उम्मीदवार खड़ा करेगी. बीएसपी का कहना है बीजेपी और कांग्रेस की दलित विरोधी मानसिकता ही उप चुनाव में बीएसपी का बड़ा मुद्दा होगा.
कांग्रेस पार्टी हमेशा से दलितों के साथ खड़ी रही है
वहीं, गुना मामले में लगातार बीजेपी पर हमलावर कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि कांग्रेस हमेशा से दलितों के साथ खड़ी रही है. गुना मामले में भी कांग्रेस ने प्रदेश सरकार की नीति- रीति का जमकर विरोध किया है. ऐसे में सभी 26 सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस के साथ दलित और सभी वर्गों का वोट समर्थन हासिल होगा. कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने कहा है कि बुंदेलखंड से लेकर मालवा और ग्वालियर चंबल इलाके की सीटों पर हर वर्ग का समर्थन कांग्रेस को मिलेगा.उपचुनाव बीजेपी के लिए अहम है
उपचुनाव के लिए बीएसपी के चुनाव मैदान में उतरने को लेकर कैबिनेट मिनिस्टर विश्वास सारंग ने कहा है कि उपचुनाव बीजेपी के लिए अहम है. सामने कौन सी पार्टी होगी या कौन सा उम्मीदवार होगा यह पार्टी के लिए कोई मायने नहीं रखता है. पार्टी पूरी दमदारी के साथ उपचुनाव में उतरेगी. दरअसल, 2018 के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही बीएसपी सिरदर्द साबित हुई थी. बीएसपी ने 2018 के चुनाव में 2 सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन ऐसी कई सीटें थी जहां पर बीएसपी दूसरे या तीसरे नंबर पर रही थी. ऐसे में उपचुनाव में बीएसपी के कमर कस कर उतरने पर बीजेपी और कांग्रेस का सियासी समीकरण बिगड़ जाता है. लेकिन यह सियासी समीकरण किसके लिए ज्यादा नुकसानदेह होगा यह उपचुनाव के बाद पता चलेगा.