Indore Rain Alert Update | Indore Weather Forecast and IMD Rain Predictions Today Latest News Updates | तेज हवाओं के साथ कुछ देर रिमझिम बारिश हुई, अभी भी झमाझम का इंतजार, किसान बोले- पानी नहीं गिरा तो पूरी फसल नष्ट हो जाएगी

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इंदौर18 मिनट पहले

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इंदौर में एक-दो दिन के अंतर से रिमझिम बारिश तो हो रही है, लेकिन तेज बारिश का अब भी इंतजार है।

  • इंदौर समेत प्रदेश को जरूरत का पानी बंगाल की खाड़ी से मिलता है, लेकिन इस बार यहां दो बार ही सिस्टम बना
  • कम बारिश का असर बिजली सप्लाई पर भी, जुलाई के 17 दिनों में 92 करोड़ यूनिट लगी, गत वर्ष 85 करोड़ लगी थी

प्रदेश में जून से एक्टिव हुआ मानसून जुलाई आधा से ज्यादा बीत जाने के बाद भी नहीं बरसा। इस दौरान कई बार काले घने बादल तो छाए, लेकिन रिमझिम बरस कर गुजर गए। सोमवार की शुरुआत तो हल्की धूप के साथ हुई, लेकिन कुछ देर बाद ही काली घटाओं ने आसमान को ढंक लिया और तेज हवाओं को साथ रिमझिम बारिश शुरू हुई। हालांकि कुछ देर बाद फिर से धूप खिल गई। बारिश नहीं होने से परेशान किसानों का कहना है कि यदि तेज बारिश नहीं हुई तो फसलों को काफी नुकसान होने वाला है। पानी नहीं गिरने से फसल पीली पड़ती जा रही है। वहीं, उनकी ग्रोथ भी पूरी तरह से रुक गई है।
  
दो बार बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम  
मानसून के सीजन में रोज-रोज नीला आसमान चिंता का सबब बनता दिख रहा है। इंदौर सहित प्रदेश को जरूरत का पानी बंगाल की खाड़ी से मिलता है। इस बार एक जून से अब तक महज दो बार ही यहां से सिस्टम बनकर आगे बढ़े हैं। जून की शुरुआत में ही यह हुआ था। जुलाई में तो एक बार भी बंगाल की खाड़ी में बारिश गिराने वाला सिस्टम नहीं बना। चिंता की बात यह भी है कि आगे भी आसार नहीं दिख रहे हैं।

बंगाल की खाड़ी में कोई हलचल नहीं
मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला का कहना है कि 1 से 3 जून के बीच कम दबाव का क्षेत्र बना था। इसके बाद 8 से 11 जून के बीच एक सिस्टम बंगाल की खाड़ी से बनकर एक्टिव हुआ था। इसके बाद से अब तक मजबूत सिस्टम नहीं आया। जबकि इस अवधि में छह से सात बार सिस्टम बनकर प्रदेश में आता है और जोरदार बारिश होती है। अभी भी बंगाल की खाड़ी में कोई हलचल नहीं है।

इंदौर में इसलिए कहीं-कहीं बरस रहे बादल
गुजरात तरफ मानसून सक्रिय है। इस वजह से नागदा, उज्जैन तरफ पानी गिर रहा है। इसका असर शहर के कुछ हिस्सों में हो रहा है। यही वजह है कि शहर का अधिकांश हिस्सा सूखा है, लेकिन एयरपोर्ट स्थित मौसम केंद्र में बारिश रिकार्ड हो रही है।

जुलाई के 17 दिनों में 92 करोड़ यूनिट लगी
बारिश नहीं होने व तापमान ज्यादा होने से बिजली की मांग पिछले जुलाई की तुलना में ज्यादा है। मालवा-निमाड़ के 15 जिलों में जुलाई के 17 दिनों में 92 करोड़ यूनिट बिजली दी गई, जबकि पिछले वर्ष जुलाई के इतने ही दिनों में 85 करोड़ यूनिट वितरित की थी। 

इंदौर शहर में 84 लाख यूनिट बिजली जली
मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक विकास नरवाल ने बताया मांग के आधार पर बिजली वितरण हो रहा है। जुलाई के तीसरे सप्ताह में इंदौर शहर में 84 लाख यूनिट, इंदौर ग्रामीण में 80 लाख यूनिट, खंडवा में 21 लाख, बुरहानपुर 16 लाख, खरगोन 48 लाख, बड़वानी 16 लाख, धार 33 लाख, झाबुआ सर्कल में 18 लाख यूनिट की मांग प्रतिदिन है। उज्जैन में 53 लाख, देवास में 45 लाख, शाजापुर में 23 लाख, रतलाम 31 लाख, मंदसौर 28 लाख, नीमच 17 लाख, आगर सर्कल में 11 लाख यूनिट बिजली रोज लग रही है।

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