MP Weather Forecast: मानसून की बेवफाई से सूखा जा रहा है सावन, 20 ज़िलों में सामान्य से कम बारिश | bhopal – News in Hindi

MP Weather Forecast: मानसून की बेवफाई से सूखा जा रहा है सावन, 20 ज़िलों में सामान्य से कम बारिश | bhopal – News in Hindi


मौसम विभाग का कहना है कि मध्यप्रदेश में फिलहाल अभी कोई सिस्टम सक्रिय नहीं है.

Monsoon Alert: मध्य प्रदेश के 20 जिलों में अभी तक सामान्य से कम बारिश (Rain) हुई है. सिंगरौली में सबसे ज्यादा तो ग्वालियर में सबसे कम बारिश रिकॉर्ड हुई है.

भोपाल. मध्य प्रदेश में सावन सूखा जा रहा है. जून में धमाकेदार एंट्री करने के बाद अब मानसून (Maonsoon) प्रदेश से रूठा हुआ है. आम लोगों के साथ अन्नदाता किसान भी इंतज़ार में बैठा है कि इंद्रदेव मेहरबान हों तो नदी-ताल भरें और खेत में फसलें लहलहाएं. मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल मध्य प्रदेश में कोई सिस्टम सक्रिय नहीं है, इसलिए अभी बारिश (Rain) की संभावना बनती नहीं दिख रही. मध्य प्रदेश में इस बार जुलाई महीने में मानसून की रफ्तार सुस्त है.

20 जिलों में सामान्य से कम बारिश
मध्य प्रदेश के 20 जिलों में अभी सामान्य से कम बारिश हुई है. सिंगरौली में सबसे ज्यादा तो ग्वालियर में सबसे कम बारिश रिकॉर्ड हुई है. पूरे प्रदेश में इस साल फिलहाल 314.6 मिलीमीटर बारिश हुई है. अब तक की सामान्य बारिश का आंकड़ा 300.5 मिलीमीटर है. इस तरह से इस बार अब तक सामान्य से 5 मिलीमीटर ज़्यादा ही बारिश हुई है.

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फिलहाल कोई सिस्टम सक्रिय नहीं
मौसम विभाग का कहना है कि मध्य प्रदेश में फिलहाल अभी कोई सिस्टम सक्रिय नहीं है. सिस्टम सक्रिय न होने से बारिश की उम्मीद फिलहाल कम है. इस साल मानसून एक दिन पहले यानि 14 जून को प्रदेश प्रवेश किया था. प्री मानसून में अच्छी बारिश रिकॉर्ड हुई. इसके बाद भी अलग-अलग दौर में बारिश हुई. जून के अंत तक सामान्य से 73% अधिक बारिश हो चुकी थी. जुलाई में अब तक मानसून मेहरबान नहीं हुआ है. 19 जुलाई तक कुल बारिश 314 मिलीमीटर पर ही पहुंची है, जो कि मात्र 5 फ़ीसदी अधिक है.

8 साल बाद बने ऐसे हालात 
मध्य प्रदेश में 8 साल बाद इस तरह के हालात बने हैं. साल 2012 की जुलाई में 35.7 मिली मीटर बारिश रिकॉर्ड हुई थी. अगस्त में  बारिश से मानसून का कोटा पूरा हो गया था. साल 2010 की बात की जाए तो जुलाई में 244 मिलीमीटर बारिश हुई थी, लेकिन पूरे सीजन में मात्र 597.5 मिलीमीटर पानी बरसा था. इस साल प्रदेश के 20 जिलों में सबसे कम यानी सामान्य से भी कम बारिश अब तक दर्ज हुई है.





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