पैर फिसलते ही ट्रेन और प्लटेफॉर्म के बीच आ गया युवक, जवान ने दौड़कर बचाई जान, देखें Video | bhopal – News in Hindi

पैर फिसलते ही ट्रेन और प्लटेफॉर्म के बीच आ गया युवक, जवान ने दौड़कर बचाई जान, देखें Video | bhopal – News in Hindi


यह घटना 19 जुलाई की बताई जा रही है.

घटना (Incident) के बाद सभी लोगों ने तालियां बजाकर जवान की वीरता और बहादुरी को सराहा और प्रशंसा की. जिस युवक की जान इस आरक्षक ने बचाई उसने आरक्षक को भगवान का दूत बताया.

भोपाल. जाको राखे साइयां मार सके ना कोय, यह कहावत एक बार फिर से मध्य प्रदेश में चरितार्थ हो गई है. भोपाल रेलवे स्टेशन (Bhopal Railway Station) पर ट्रेन चढ़ते समय एक यात्री का पैर फिसल गया और वह ट्रेन व प्लेटफॉर्म (Platform) के बीच गिर गया. लेकिन मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और लोगों ने मिलकर उसे बचा लिया, वरना उसकी मौत हो जाती. अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में एक युवक भोपाल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर नजर आ रहा है. और जैसे ही ट्रेन आती है वैसे ही वह उसे पकड़ने के लिए दौड़ लगाता है. मगर संतुलन बिगड़ने के चलते प्लेटफार्म और ट्रेन के बीच में गिर जाता है.

तभी अचानक जीआरपी का एक जवान उसे ट्रेन की चपेट में आने से बचा लेता है और इस तरह उस युवक की जान बच जाती है. यह घटना 19 जुलाई की बताई जा रही है, जहां भोपाल स्टेशन पर दिल्ली को जाने वाली ट्रेन भोपाल एक्सप्रेस प्लेटफार्म से जैसे ही आगे बढ़ी एक यात्री ने उसे दौड़कर पकड़ना चाहा. मगर  बैलेंस बिगड़ जाने के चलते युवक ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच गिर गया. तभी जीआरपी का एक जवान बिजली की फुर्ती से आता है और उसे दूसरी ओर खींच लेता है. इस जवान का नाम बाल गोपाल शुक्ला है जो भोपाल जीआरपी में आरक्षक है. वह वहीं प्लेटफार्म पर संदिग्धों की धरपकड़ निगरानी में तैनात खड़ा था. उसी वक्त यह हादसा हो गया.

जवान की वीरता और बहादुरी को सराहा और प्रशंसा कीघटना के बाद सभी लोगों ने तालियां बजाकर जवान की वीरता और बहादुरी को सराहा और प्रशंसा की. जिस युवक की जान इस आरक्षक ने बचाई उसने आरक्षक को भगवान का दूत बताया और कहा कि अगर आज वह समय पर नहीं आते तो वह जीवित नहीं रहता. उसे किसी जरूरी काम से दिल्ली जाना था मगर जब जान आफत में आ गई थी तो उसने जाने का इरादा भी बदल दिया और उसकी ट्रेन भी प्लेटफार्म से छूट चुकी थी. मगर वह नम आंखों से हाथ जोड़कर आरक्षक का धन्यवाद करता रहा. आरक्षक अपने कार्यालय पहुंचा तो सभी लोगों ने उसका तालियां बजाकर स्वागत किया. अफसरों ने भी उसे सम्मानित करने की बात कही. साथ ही प्लेटफार्म पर लगे सीसीटीवी कैमरे पर देखने में यह साफ नजर आया कि अगर थोड़ी सी चूक हो जाती या मौके पर आरक्षक देर कर देता तो उसकी जान चली जाती.





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