टीकमगढ़40 मिनट पहले
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कृषि वैज्ञानिकों ने सोयाबीन और उड़द के खेतों का निरीक्षण कर किसानों को जानकारी दी। उन्हें खतपरवार प्रबंधन के बारे में बताया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बीएस किरार, कृषि विज्ञान केंद्र, उपसंचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास टीकमगढ़ एवं वैज्ञानिक डॉ. एसके सिंह द्वारा विगत दिवस गांव मांची में किसान शिवेंद्र सिंह यादव के खेतों पर समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन सोयाबीन एवं उड़द का निरीक्षण कर उन्हें खरपतवार प्रबंधन की जानकारी दी गई। चौड़ी-सकरी पत्ती वाले खरपतवार नियंत्रण के लिए इमेजाथायपर 400 मिली. या इमिजाथाइपर 35 प्रतिशत इमिजामोक्स 35 प्रतिशत, 40 ग्राम प्रति एकड़ एवं सकरी पत्ती नींदा नियंत्रण के लिए क्विजालोफॉप पी इथाईल 5 प्रतिशत ईसी, 400 मिली. या फिनॉक्सीप्राप पी इथाईल 5 प्रतिशत ईसी. 400 मिली. प्रति एकड़ 200 ली. पानी में घोल बनाकर स्प्रेयर पंप में फ्लैट फेंन नोजल लगाकर छिड़काव करने की सलाह दी। अधिकारियों ने कहा कि खेत में नमी रहने पर ही रासायनिक दवाओं का छिड़काव करना है। कृषक बारिश का इंतजार कर रहा है। जिससे खरपतवार के प्रयोग के लिए फसल बुवाई के 15 से 25 दिन के अंदर दवा का छिड़काव करने से खरपतवारों का प्रभावी नियंत्रण होगा। जिससे पौधों की शाखाओं एवं उत्पादन में वृद्धि होगी। इससे पूर्व गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत प्रवासी मजदूरों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण के समापन अवसर पर उपसंचालक कृषि एसके श्रीवास्तव एवं डॉ. बीएस किरार ने फल, फूल एवं सब्जियों की रोपणी को शीघ्र आय अर्जित करने का स्त्रोत बताए। यह व्यवसाय कम स्थान एवं पूंजी में शुरू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बरूआसागर में नर्सरी का व्यवसाय जबरजस्त फल-फूल रहा है और सैंकड़ों लोगों को रोजगार मिल रहा है। हम भी प्रशिक्षण उपरांत नर्सरी का व्यवसाय शुरू कर रोजगार अर्जित करने उद्यम बना सकते है।
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