Fact check : Delhi High Court asked UGC- Can final examinations in universities across the country be MCQ, Open Choice or Project based instead of long process? | क्या देश भर की यूनिवर्सिटी में फाइनल एग्जाम लंबी प्रक्रिया की बजाए एमसीक्यू, ओपन चॉइस या फिर प्रोजेक्ट बेस्ड हो सकते हैं?

Fact check : Delhi High Court asked UGC- Can final examinations in universities across the country be MCQ, Open Choice or Project based instead of long process? | क्या देश भर की यूनिवर्सिटी में फाइनल एग्जाम लंबी प्रक्रिया की बजाए एमसीक्यू, ओपन चॉइस या फिर प्रोजेक्ट बेस्ड हो सकते हैं?


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12 मिनट पहले

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  • डीयू के ओपन बुक एग्जाम वाले फैसले के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई
  • यूजीसी ने कोर्ट से कहा – बिना एग्जाम मार्क्स देने से सिस्टम की गलत छवि बनेगी

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ( UGC) से फाइनल ईयर के एग्जाम को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। पिछले सप्ताह दिल्ली यूनिवर्सिटी ( DU) ने फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं Open Book पैटर्न पर कराने का फैसला लिया है। इस फैसले के विरोध में दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हुई है। याचिका में Open ‌Book Exam की लंबी प्रक्रिया पर आपत्ति जताई गई है। इसी मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने UGC से परीक्षाओं को लेकर सवाल किए हैं। 

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए UGC से अप्रैल में जारी की गई उन गाइडलाइंस को स्पष्ट करने को कहा। जो देश भर की यूनिवर्सिटी में फाइनल एग्जाम कराने को लेकर थीं। हाईकोर्ट ने पूछा है कि open ‌Book जैसी लंबी प्रक्रिया की बजाए क्या यूनिवर्सिटी एमसीक्यू, ओपन चॉइस या प्रोजेक्ट बेस्ड परीक्षाएं करा सकती हैं?

 

DU ने कहा – हम UGC की गाइडलाइन से मजबूर  

मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) का कहना है कि चूंकि UGC की गाइडलाइन में फाइनल ईयर की परीक्षाएं किसी भी सूरत में कराना अनिवार्य है। इसलिए ओपन बुक एग्जाम कराए जा रहे हैं। और कोई रास्ता नहीं है। 

 

UGC ने कहा – फाइनल ईयर के एग्जाम कराने ही होंगे 

मामले की सुनवाई के दौरान यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ( UGC) ने फाइनल ईयर के एग्जाम कराने की अनिवार्यता पर ही जोर दिया है। UGC ने अपनी गाइडलाइंस का हवाला देते हुए कोर्ट से कहा, कि फाइनल ईयर में इंटरनल असेसमेंट के जरिए मार्क्स देना संभव नहीं है। UGC का मानना है कि ऐसा करने से सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होंगे। 

 

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