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- Police Teacher; Seeing The Action On The Goons, The 12 year old Child Said I Want To Be Like You, Now I Am Teaching For One Hour Every Day
इंदौर21 मिनट पहले
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पलासिया टीआई से पढ़ाई कर रहा राज।
- खाकी वर्दी का गुंडों पर खौफ देख राज खुद टीआई दीक्षित के पास पहुंचा और बोला अंकल मुझे भी आपके जैसा पुलिस वाला बना दो
- इस पर टीआई मुस्कुराए और बोले पुलिस बनने के लिए पढ़ाई जरूरी है और शारीरिक मेहनत भी खूब लगेगी, अब उन्होंने पढ़ाने का फैसला किया है
सुमित ठक्कर, मध्यप्रदेश के इंदौर में गुंडों पर कार्रवाई देख 12 साल का बच्चा टीआई के पास पहुंचा और बोला मुझे भी आप जैसा पुलिस अफसर बनना है। बच्चे का हौसला और लगन देख टीआई ने उसे पढ़ाने का फैसला किया। वे रोज अपनी ड्यूटी के बाद एक घंटे का समय निकालकर उसे पढ़ाते हैं।
दरअसल, शहर में पिछले दिनों गुंडों के खिलाफ चले अभियान में पलासिया टीआई विनोद दीक्षित बड़ी ग्वालटोली इलाके में पहुंंचे थे। यहां गुंडों को उन्होंने सबक सिखाया तो इसी क्षेत्र में रहने वाला 12 साल का बच्चा राज पिता विकास मनावरे उन्हें देखता रहा। खाकी वर्दी का गुंडों पर खौफ देख राज खुद टीआई दीक्षित के पास पहुंचा और बोला अंकल मुझे भी आपके जैसा पुलिस वाला बना दो। इस पर टीआई मुस्कुराए और बोले पुलिस बनने के लिए पढ़ाई जरूरी है और शारीरिक मेहनत भी खूब लगेगी।
गाड़ी के बोनट पर किताबें रख स्ट्रीट लाइट के नीचे ही चल रही है अनूठी क्लास
राज ने बताया वह छठी में है। उसे पुलिस वाला ही बनना है। राज के परिवार में दो भाई विवेक और विनय हैं। विवेक पढ़ाई करता है जबकि विनय कैमरे लगाने का काम करता है। वहीं पिता विकास मनावरे और मां अर्चना टिफिन सेंटर चलाते हैं। बच्चे में पढ़ने की इतनी ललक है कि टीआई रात में 11 बजे भी फ्री होते हैं तो वह पढ़ने पहुंच जाता है। टीआई कभी-कभी पुलिस की गाड़ी पर ही स्ट्रीट लाइट के नीचे उसे पढ़ा देते हैं। अब तो परिवार वालों को भी राज की ललक देख लगता है कि वह बड़ा होकर पुलिस वाला बनेगा।
टीआई दीक्षित का कहना हैकि वैसे तो पुलिस की नौकरी में हम खुद हमारे बच्चों और परिवार को भी समय देने की स्थिति में नहीं होते, लेकिन राज की पुलिस अफसर बनने की इच्छाशक्ति देखकर उसे पढ़ाने का फैसला किया।
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